फ्रांस में एक कार्टून को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद कई शहरों में आतंकी हमले हो चुके हैं. इन हमलों को देखते हुए फ्रांस ने सख्त रुख अपनाया है और अपने सभी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. बॉर्डर के पास कई जगह सैनिकों की संख्या को दोगुना किया जा रहा है, इसके अलावा जिन हिस्सों में बिना किसी रोक-टोक के आवाजाही होती है वहां पर अब चेकिंग करने की तैयारी है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बॉर्डर कंट्रोल को अब दोगुना किया जाएगा, जिन हिस्सों में अभी 2400 जवान थे अब वहां 4800 के करीब जवान तैनात रहेंगे. फ्रांसीसी राष्ट्रपति के मुताबिक, इनका मुख्य फोकस अवैध घुसपैठ को रोकना होगा और साथ ही स्मगलिंग पर लगाम लगाना होगा.
स्पेन बॉर्डर के पास एक कार्यक्रम में मैक्रों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जो आतंकी हमले हुए हैं, उनसे जाहिर होता है कि कोई बाहर से घुसकर हमारे देश को नुकसान पहुंचाना चाहता है. यही वजह है कि अब हमें अपने बॉर्डर को सुरक्षित करना चाहिए. इसके अलावा मैक्रों ने संकेत दिए हैं कि वो यूरोपीयन यूनियन में भी बॉर्डर की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाएंगे, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में सिर्फ फ्रांस ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रिया में भी आतंकी हमला हुआ है.
आपको बता दें कि फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाए जाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद कुछ जगहों पर आतंकी हमले भी हुए. 29 अक्टूबर को फ्रांस के नाइस शहर में आतंकी हमला हुआ था, जो पिछले कुछ वक्त में हुआ तीसरा अटैक था. इसके अलावा पेरिस में भी हमला हो चुका है.
इनमें से कुछ हमलों की जिम्मेदारी अलकायदा ले चुका है. जिसके बाद फ्रांस ने अलकायदा के कुछ ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी और करीब 50 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था.
इमैनुएल मैक्रों के बयान से इतर फ्रांस की पुलिस द्वारा बयान दिया गया है कि फ्रांस-स्पेन बॉर्डर पर इस साल अवैध घुसपैठ कर रहे करीब 11 हजार से अधिक लोगों को अरेस्ट किया गया है. इमैनुएल मैक्रों ने कार्टून के विरोध में हिंसा को गलत बताया था, जिसके बाद उनका दुनियाभर में विरोध भी हुआ था. कई मुस्लिम देशों ने खुले तौर पर फ्रांस के बहिष्कार की बात कर दी है.