फ्रांस में नए साल के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों के दौरान इस बार 874 कारें जलाई गई हैं. दरअसल, हर साल यहां नए साल के मौके पर कारें जलाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. लेकिन इस बार यह संख्सा काफी कम रही. फ्रांस के इंटीरियर मिनिस्टर गेराल्ड डारमैनिन ने बताया कि साल 2019 में कुल 1,316 वाहनों को जलाया गया था.
'अल जजीरा' में छपी एक खबर के मुताबिक, डारमैनिन ने बताया कि कोरोना के बाद लगी पाबंदियों के कारण देश में पुलिस की मौजूदगी हर जगह थी. इसलिए कारें जलाने के मामले काफी कम सामने आए. जबकि साल 2020 में लॉकडाउन था. इस वजह से पिछले साल कितनी कारें जलीं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई थी. प्रत्येक वर्ष फ्रांस में उन गाड़ियों को जलाया जाता है जो खराब और दुर्घटनाग्रस्त हों. या फिर जिनमें इंश्योरेंस संबंधी कुछ दिक्कत हो.
हालांकि साल 2019 की अपेक्षा इस साल कम कारें जलाई गईं, लेकिन पुलिस ने पूछताछ के लिए इस बार ज्यादा लोगों को बुलाया है. पुलिस ने साल 2019 में 376 लोगों से पूछताछ की थी. जबकि इस बार 441 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
जानकारी के अनुसार, कई देशों की तरह फ्रांस में नए साल के मौके पर इस तरह कारें जलाई जाती हैं. साल 2005 में हुए दंगों के बाद से फ्रांसीसी शहरों और कस्बों में कारों को जलाया जाना एक वार्षिक घटना जैसा हो गया है. उस समय वहां 8,810 गाड़ियों को जलाया गया था.
उल्लेखनीय है कि, फ्रांस में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. फ्रांस में अब तक एक करोड़ से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. इसी के साथ वह दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया है जहां सबसे ज्यादा कोरोना मामले सामने आए हैं. यहां पिछले 24 घंटों में 2,19,126 मामले दर्ज किए गए. सबसे ज्यादा मामलों के साथ अमेरिका पहले नंबर पर है. फिर भारत, ब्राजील, ब्रिटेन और रूस हैं.