यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से ही रूस भारत को सस्ते दामों में तेल बेच रहा है. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश रूस पर वित्तीय प्रतिबंध और प्राइस कैप लगाए हुए हैं. इसके बावजूद भारत रूस से भारी मात्रा में रियायत कीमतों पर कच्चा तेल खरीद रहा है.
जी-7 कंट्री और अमेरिका की ओर से रूस पर लगाए गए प्राइस कैप में भारत के शामिल नहीं होने पर फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों का कहना है कि भारत का यह कदम असामान्य नहीं है. भारत का अपना गुटनिरपेक्ष रुख है.
इसके अलावा फ्रांस ने कहा है कि यूक्रेन में शांति बहाल कराने के लिए भी हमने भारत से अपील की है. सूत्रों के अनुसार, फ्रांस ने भारत को रूस के साथ अपने संबंधों का लाभ दोनों देशों के बीच शांति बहाल कराने में उठाने के लिए कहा है.
क्या कहा फ्रांस ने
सूत्रों के मुताबिक, फ्रांसीसी राजनयिक ने कहा है, "हम अभी भी नहीं जानते हैं कि यूएनजीए मसौदे पर भारत की स्थिति क्या होगी. भारत के साथ हमारी बहुत स्पष्ट चर्चा हुई है. यूएनजीए मसौदा प्रस्ताव पर हमारे सभी भागीदारों के साथ उनकी चिंताओं को हल करने पर चर्चा की गई है. इसके अलावा हमने यूक्रेन में शांति बहाल को लेकर भी भारत से अपील की है."
दरअसल, यूरोपीय संघ रूस-यूक्रेन युद्ध पर यूएनजीए के प्रस्ताव पर भारत का समर्थन चाहता है. भारत के तटस्थ रुख पर फ्रांस ने कहा है कि भारत का अपना गुटनिरपेक्ष रुख है.
भारत-रूस के बीच व्यापार रिकॉर्ड स्तर पर
कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के अनुसार, अक्टूबर में रूस, सऊदी अरब और इराक को पीछे छोड़ते हुए भारत का शीर्ष तेल सप्लायर देश बन गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच रिकॉर्ड 35 अरब बिलियन डॉलर का ट्रेड व्यापार हुआ है.
यूक्रेन में रूस का स्पेशल ऑपरेशन
यूक्रेन से युद्ध के एक साल पूरा होने पर देश को संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपित व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि लगातार नाजी खतरों से जूझ रहा रूस यूक्रेन में 'स्पेशल ऑपरेशन' कर रहा है.
रूस ने एकबार फिर से यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. रूस ईरान से भी ड्रोन खरीदने पर भी विचार कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री की मानें तो चीन भी रूस को हथियार मुहैया कर सकता है.