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नेपाल में फिर आए भूकंप के झटके, मरने वालों की तादाद 7176

नेपाल में शनिवार को दोपहर 3 बजकर 11 मिनट पर एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता 3.5 थी. इससे पहले सुबह 11:05 बजे 4.5 तीव्रता का भूकंप आया. इस बीच नेपाल में मरने वालों की संख्या 7176 हो चुकी है. 

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25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद की एक तस्वीर
25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद की एक तस्वीर

नेपाल में शनिवार को दोपहर 3 बजकर 11 मिनट पर एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता 3.5 थी. इससे पहले सुबह 11:05 बजे 4.5 तीव्रता का भूकंप आया. इस बीच नेपाल में मरने वालों की संख्या 7176 हो चुकी है. 

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मरने वालों की संख्या 7,176 और 14 हजार घायल

नेपाल में शनिवार शाम तक मरने वालाें की संख्या 7176 हो गई और 14 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. सिर्फ सिन्धुपालचोक में मृतकों का आंकडा 2400 को पार कर चुका है. भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से जैसे-जैसे मलबे में दबे शव निकाले जा रहे हैं, मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है. पुलिस ने बताया कि मृतकों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है.

नेपाली सेना प्रमुख जनरल गौरव शमशेर राणा ने शुक्रवार को मीडिया को बताया था कि मरने वालों की संख्या 15,000 तक पहुंच सकती है, क्योंकि राहत और बचाव कर्मी काठमांडू और सुदूरवर्ती इलाकों में लगातार मलबे में दबे जिंदा बचे लोगों को बचाने और शवों को बाहर निकालने में लगे हुए हैं. शुक्रवार को ध्वस्त हो चुकी मशहूर ऐतिहासिक स्थल धरहरा मीनार के मलबे से 50 शव और निकाले गए.

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कैंप में बीमार पड़ रहे हैं लोग, अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के एक सप्ताह बाद यहां जनजीवन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. कुछ लोग जिनके घर सुरक्षित बच गए वो वापस लौट रहे हैं. लेकिन जिनके मकान हादसे में बर्बाद हो गए वो खुले आसमान के नीचे, टेंट में रहने को मजबूर हैं. बारिश, खराब भोजन और तंबुओं में साफ-सफाई के अभाव के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं.

काठमांडू के कालांकि क्षेत्र निवासी गोमा श्रेष्ठ ने बताया, 'बीता सप्ताह हमारे जीवन का सबसे कठिन समय था. स्वास्थ्य के नजरिए से तंबुओं के बाहर रहना खतरे से खाली नहीं था. कई लोग बीमार भी हुए हैं.'

काठमांडू के अस्पतालों में भी फ्लू और दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की भारी भीड़ लगी है. गोमा और उनके कई रिश्तेदार चार रातों से तंबु में रह रहे हैं. उन्हें बेहद कम भोजन-पानी में गुजारा करना पड़ रहा है. सरकार और दूसरे संगठनों से उन्हें अब तक कोई राहत और सहायता नहीं मिल पाई है.

इसके अलावा, काठमांडू में जीविका के सिलसिले में आकर अस्थाई रूप से रहने वाले लोग अपने अपने गांवों को लौट गए हैं.

राहत कार्य में शामिल होंगे अमेरिकी हेलीकॉप्टर
अमेरिका भूकंप पीड़ितों के लिए 1.25 करोड़ डॉलर की सहायता राशि और 45 टन राहत सामग्री के साथ लगभग 130 सदस्यीय आपदा सहयोग दल नेपाल भेजेगा. इसके अलावा अमेरिकी सेना भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल में राहत-बचाव कार्य में मदद के लिए अपने हेलीकॉप्टर भेजने की तैयारी कर रही है. समाचार एजेंसी'सिन्हुआ' के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह कदम इस त्रासदी की घड़ी में नेपाल की सहयता करने और काठमांडू से बाहर के प्रभावित इलाकों में राहत सामग्रियों की आपूर्ति के उद्देश्य से उठाया गया है.

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेफरी राथके ने कहा, 'यह सब नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों में आपात राहत सामग्री की तत्काल आपूर्ति में नेपाल सरकार की मदद करने के लिए किया जाएगा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राहत सामग्री सुदूरवर्ती इलाकों में भी पहुंचें.'

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अमेरिकी सेना काठमांडू हवाई अड्डे पर संचालन और क्रियान्वयन में भी मदद पहुंचाने की तैयारी कर रहा है, ताकि हवाई मार्ग के जरिए पहुंचाई जा रही राहत सामग्री उतारने में तेजी लाई जा सके.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को फोन पर नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला से बात कर हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.

हफ्तेभर पहले आया था विनाशकारी भूकंप
नेपाल में 25 अप्रैल को 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 15 हजार तक पहुंचने का अंदेशा जताया जा रहा है.

IANS से इनपुट

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