विदेश सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को IAF के 5 विमान नेपाल भेजे गए हैं और शाम तक 4 और विमानों को नेपाल भेजा जाएगा जिसमें NDRF कुछ और दस्ते भी भेजे जाएंगे. विदेश सचिव ने बताया कि सोमवार को IAF के हेलिकॉप्टर्स ने नेपाल के पोखरा में पहली बार राहत सामग्री पहुंचाया. इस इलाका भूकंप के बाद से ही बाकी इलाकों से कट गया था जिसकी वजह से वहां राहत पहुंचने में काफी लंबा वक्त लग गया.
विदेश सचिव ने एक अहम जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को भारत से एक पावर ग्रिड की टीम को भेजा गया है. ये टीम नेपाल में ध्वस्त हो चुकी बिजली व्यवस्था को फिर से लागू करने के लिए मदद प्रदान करेगा. दूसरी तरफ, नेपाल से लोगों को सुरक्षित दिल्ली लाने का भी सिलसिला जारी है. भारतीय वायुसेना ने इसके लिए अपी पूरी ताकत झोंक दी है. सोमवार को भी 130 लोगों को काठमांडू दिल्ली लाया गया. साथ ही इस काम में 100 बसों को भी लगाया गया है जो सड़क मार्ग से लोगों को लेकर भारत आएगा.
नेपाल, बिहार और पश्चिम बंगाल में फिर आए भूकंप के ताजे झटके
सोमवार शाम नेपाल, बिहार और पश्चिम बंगाल में एक बार फिर भूंकप के ताजे झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इस
भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई. शाम करीब 6 बजे आए झटकों से अररिया, छपरा, जलपाईगुड़ी, किशनगंज, सहरसा और सुपौल
शहर हिल गए जिससे आम लोगों में अफरातफरी मच गई. हालांकि अभी तक किसी भी नुकसान की कोई खबर नहीं है. मौसम
विभाग ने भी बिहार मे तेज बारिश की चेतावनी जारी कर दी है.
सरकार ने अफवाहों के लिए चेताया
भूकंप के संबंध में सोशल मीडिया और संदेशों के द्वारा जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लोगों को उन पर विश्वास नहीं करना
चाहिए। यह बात केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कही. रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, 'सोशल
मीडिया पर इस तरह के संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं कि रात के नौ बजे भूकंप आएगा, या आठ बजे भूकंप आएगा. इस तरह की
अफवाहों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए. इनका कोई आधार नहीं है और अगर किसी प्रकार की आधिकारिक सूचना होगी
तो सरकार इस पर कार्रवाई करेगी.'
राज्यसभा ने शोक जताया
राज्यसभा ने नेपाल के भूकंप में मारे गए लोगों की मौत पर शोक जताया. साथ ही नेपाल के लोगों की सहायता करने की भारत
की प्रतिबद्धता व्यक्त की. सदस्यों ने राहत एवं बचाव कार्यो के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना भी की. राज्यसभा के
सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सदन नेपाल के मित्रवत लोगों के साथ एकजुट खड़ा है.
वर्चुअल मीडिया पर भी चलाया जा रहा है राहत अभियान
आधुनिक समय में सोशल नेटवर्किंग की बढ़ती लोकप्रियता और पहुंच को देखते हुए भारत सरकार ने नेपाल में भूकंप प्रभावित
लोगों तक पहुंचने के लिए अग्र-सक्रियता दिखाते हुए ट्विटर और फेसबुक का इस्तेमाल किया. लापता लोगों से लेकर उन्हें दिए
जाने वाली सहायता तक की जानकारी के लिए सरकार ने सोशल मीडिया की शक्ति का इस्तेमाल किया, जो वर्चुअल मीडिया के
रूप में भी जाना जाता है.
इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहत कार्यों को लेकर कई ट्वीट किए. जिसमें उन्होंने राहत के काम में लगे सुरक्षाबलों और मीडिया को भी धन्यवाद कहा.
To all those saying #ThankYouPM- appreciate the sentiment…real thanks should be to our great culture, which teaches us 'Seva Parmo Dharma'.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2015
If we want to thank anyone, it should be the 125 crore people of India who have made Nepal's pain their own & extended all help.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2015
We must thank our armed forces, NDRF teams, doctors & all those volunteers who are overcoming every obstacle to restore normalcy in Nepal.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2015
Mention must be made of the media. They are bravely covering the disaster from the ground. Thanks!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2015