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G-20 की बैठक में रूस ने सबके सामने भारत से क्यों मांगी माफी?

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव में भारत से माफी मांगी है. उन्होंने कहा है कि पश्चिमी देशों ने जी-20 के एजेंडे का मजाक बनाकर रख दिया है. मेजबान भारत चाहता था कि बैठक में विकास के मुद्दों पर बात हो लेकिन अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के मुद्दे को बैठकों पर हावी कर दिया है.

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रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने भारत से माफी मांगी है (Photo- Reuters)
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने भारत से माफी मांगी है (Photo- Reuters)

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को जी-20 की बैठक में पश्चिमी देशों के 'अभद्र व्यवहार' पर भारत से माफी मांगी है. उन्होंने जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने भाषण के दौरान कहा कि पश्चिमी देशों ने जी-20 के मुख्य एजेंडे को तमाशा बनाकर रख दिया है. अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के कारण जी-20 की बैठकों में यूक्रेन का मुद्दा हावी हो गया है जिस कारण जी-20 में भारत की ओर से उठाए गए विकास के मुद्दे कहीं पीछे छूट गए हैं.

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लावरोव ने भारत से माफी मांगते हुए कहा, 'मैं कई पश्चिमी प्रतिनिधिमंडलों के अभद्र व्यवहार के लिए भारत की मेजबानी और ग्लोबल साउथ के देशों के सहयोगियों से माफी मांगना चाहता हूं. पश्चिमी प्रतिनिधिमंडलों ने जी-20 एजेंडे पर काम को एक तमाशा बनाकर रख दिया है.' 

रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी स्पूतिक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रूसी विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों को बैठक के दौरान फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने अपनी आर्थिक असफलता को रूस के सिर मढ़ने का काम किया है.

लावरोव ने कहा कि रूस आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा. उन्होंने कहा, 'हम G-20 में एक निष्पक्ष बातचीत के लिए तैयार हैं. हमें उम्मीद है कि इस साल सितंबर में होने वाला दिल्ली शिखर सम्मेलन पश्चिमी देशों की स्वार्थी नीति को थोड़ा कम करेगा.'

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G20 विदेश मंत्रियों की बैठक का पहला सत्र गुरुवार को बहुपक्षवाद, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा और सहयोग के विकास पर केंद्रित था.

पीएम मोदी के संबोधन की तारीफ

बैठक की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों को अपने संबोधन में यह संदेश दिया कि रूस-यूक्रेन का मुद्दा बैठक के बाकी एजेंडों पर हावी नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'हम गहरे मतभेदो के दौर में मिल रहे हैं. इन मतभेदों को कैसे हल किया जा सकता है, इस पर हम सभी की अपनी स्थिति और हमारा अपना नजरिया है. हालांकि, दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, हमारी जिम्मेदारी उन देशों के प्रति भी बनती है जो जी-20 के सदस्य नहीं हैं.'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'भारत के साथ रूस के संबंधों को 'विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' के रूप में  देखा जाता है. यह हमारे संबंधों के विशेष चरित्र को दिखाता है. हम प्रमुख वैश्विक एजेंडे पर भारत के जिम्मेदार रुख की सराहना करते हैं.'

पीएम मोदी के इस संबोधन की रूसी विदेश मंत्री ने तारीफ की है. उन्होंने कहा, 'आज जी-20 बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने एक संतुलित और जिम्मेदार स्थिति प्रस्तुत की. पश्चिम भू-राजनीतिक तस्वीर को विभाजित करने की कोशिश कर रहा है लेकिन पीएम मोदी ने सभी मुद्दों पर समान रूप से बात की. पीएम मोदी ने दुनिया भर में स्थिति का आकलन किया.'

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जयशंकर ने लावरोव से की थी द्विपक्षीय मुलाकात

बुधवार को जी-20 के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के मौके पर, जयशंकर ने लावरोव के साथ कई द्विपक्षीय बैठके की थीं. इन बैठकों में दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग और जी-20 मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

यूक्रेन मुद्दे के कारण पिछली मीटिंग में संयुक्त बयान जारी नहीं करवा पाया था भारत

भारत ने भरपूर कोशिश की कि जी-20 की बैठकों में विकास के मुद्दों पर बात हो यूक्रेन मुद्दे की चर्चा बैठक के एजेंडे को प्रभावित न करे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है. बेंगलुरु में आयोजित जी-20 की पिछली मीटिंग में यूक्रेन मुद्दे को पश्चिम ने जोर-शोर से उठाया था. रूस,चीन ने बैठक के साझा बयान के उस हिस्से पर आपत्ति जताई जिसमें रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की कड़े शब्दों में आलोचना की गई थी. रूस और चीन के विरोध के कारण बयान जारी नहीं हो सका. 

इसके बाद भारत को बैठक का सार, चेयर्स समरी जारी करना पड़ा. भारत ने इसमें कहा कि यूक्रेन की स्थिति और रूस पर प्रतिबंधों को लेकर देशों के अलग-अलग आकलन हैं. 

रूस ने भारत की मेजबानी की तारीफ करते हुए पश्चिम पर आरोप लगाया कि उनके कारण ही जी-20 के देश किसी एक साझा बयान पर सहमत नहीं हो सके.

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