इंडोनेशिया के बाली में जी 20 समिट शुरू हो गया है. कई देशों के नेता वहां पहुंच चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के बीच तो पहली मुलाकात भी हो गई है. इस मुलाकात को देख एक तरफ जानकार हैरान हैं तो दूसरी तरफ बदलते रिश्तों का एक बड़ा इशारा भी मान रहे हैं. पिछले कई सालों से चीन और अमेरिका के बीच में सिर्फ तकरार देखने को मिली है. ताइवान मुद्दे को लेकर तो आरोप-प्रत्यारोप का एक अलग ही दौर देखने को मिल गया था.
मुलाकात हैरान क्यों करती है?
लेकिन उस तनाव के बीच में सोमवार को जो बाइडेन ने शी जिनपिंग से मुलाकात की. उस मुलाकात के बाद जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका और चीन बातचीत कर मतभेदों को दूर कर सकते हैं. वहीं शी जिनपिंग ने भी कहा कि वे हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार हैं जिससे अमेरिका के साथ रिश्ते सुधर सकें. अब ये बदला हुआ रुख दुनिया को काफी कुछ सोचने पर मजबूर कर रहा है. बड़ी बात ये है कि जो बाइडेन से तो जिनपिंग करीब 11 साल बाद मुलाकात कर रहे हैं. पिछली बार जब दोनों नेता मिले थे, तब बाइडेन उप राष्ट्रपति थे. उस समय दोनों नेताओं की मुलाकात करीब 85 मिनट तक चली थी. लेकिन उसके बाद रिश्ते बिगड़ते चले गए और बातीचत का सिलसिला भी थम गया.
चीन और अमेरिका में तकरार क्यों?
हाल ही में ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच में काफी तकरार देखने को मिल गई थी. हालात ऐसे बन गए थे कि चीन ने अमेरिका को परिणाम भुगतने की धमकी दे डाली थी. असल में अमेरिका के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने चीन को आग बबूला कर दिया था. तब चीन ने ताइवान को गंभीर परिणाम की चेतावनी दी ही थी, अमेरिका पर भी निशाना साधा था. उसके लड़ाकू विमान भी ताइवान के एयर स्पेस में दाखिल हो गए थे. उस समय अमेरिका ने स्पष्ट स्टैंड लेते हुए कहा था कि ताइवान के हितों की रक्षा की जाएगी. इसी वजह से चीन ज्यादा नाराज हुआ था. लेकिन अब उस नाराजगी के बीच जो बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हो गई है. बातचीत का सिलसिला भी शुरू हुआ है, रिश्ते सुधरते हैं या नहीं, आने वाले समय में साफ हो जाएगा.