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G-20 के लिए भारत नहीं आने पर घिरे जिनपिंग, अब चीन ने कही ये बात

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इस साल G20 की मेजबानी कर रहे भारत का समर्थन करते हैं और इसकी सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.  उन्होंने सीमा विवाद का उल्लेख किए बिना कहा कि चीन और भारत के संबंध स्थिर रहे हैं.

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

राजधानी दिल्ली में दुनियाभर के कई बड़े नेता इकट्ठा होने जा रहे हैं. मौका है G20 समिट का. नौ और दस सितंबर को दिल्ली में होने वाले G20 में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और फ्रांस के राष्ट्रप्रमुख शिरकत करेंगे. लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भारत नहीं आना चर्चा में बना हुआ है. उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग भारत आ रहे हैं. लेकिन इस बीच चीन ने G20 को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.

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चीन ने कहा कि वह भारत की मेजबानी में इस साल होने जा रहे G20 सम्मेलन का समर्थन करता है. साथ ही इस सम्मेलन की सफलता के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. हम जी20 को महत्व देते हैं और इससे जुड़ी हुई गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे.

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इस साल G20 की मेजबानी कर रहे भारत का समर्थन करते हैं और इसकी सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. 

भारत और चीन के संबंध स्थिर रहे हैं

उन्होंने कहा कि G20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से जुड़ा हुआ एक प्रमुख फोरम है. उन्होंने सीमा विवाद का उल्लेख किए बिना कहा कि चीन और भारत के संबंध स्थिर रहे हैं. दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर बातचीत को बनाए रखा है. चीन और भारत संबंधों में सुधार और विकास से दोनों देशों के लोगों और उनके साझा हितों को लाभ हुआ है. हम इन द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. 

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चीन की तरफ से यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्रालय ने यह ऐलान किया था कि राष्ट्रपति जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली कियांग G20 सम्मेलन में शिरकत करेंगे. 

बता दें कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी. इसके बाद से लगातार दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव की स्थिति बनी हुई है. दोनों देशों के बीच शांति बहाली को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. भारत शुरुआत से ही एलएसी पर शांति और सौहार्द को बनाए रखने की पैरवी करता आया है. 

बता दें कि प्रधानमंत्री ली कियांग पांच से आठ सितंबर तक इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे. इसके बाद वह वहां से सीधे भारत का रुख करेंगे. 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ऑल्फ स्कॉल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनैकियो लूला डि सिल्वा सहित जी20 के कई नेता इस सम्मेलन में शिरकत करने आ रहे हैं.

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