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G-20 से पहले नरम पड़े चीन के तेवर, भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर दिया ये बयान

G-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे चीन के विदेश मंत्री किन गांग विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं. पिछले साल चीन के विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद यह किन गांग का पहला भारत दौरा है. इसके साथ ही यह जयशंकर के साथ उनकी पहली मुलाकात होगी. 

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चीन के विदेश मंत्री किन गांग
चीन के विदेश मंत्री किन गांग

चीन के विदेश मंत्री किन गांग की भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ संभावित मुलाकात से पहले बीजिंग ने कहा कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध दोनों देशों और उनके लोगों के हित में है.

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G-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे चीन के विदेश मंत्री किन गांग विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं. 

हॉन्गकॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने किन गांग के इस भारत दौरे को संबंधों में सुधारवादी कदम बताते हुए कहा कि पिछले साल चीन के विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद यह किन का पहला भारत दौरा है. इसके साथ ही यह जयशंकर के साथ उनकी पहली मुलाकात होगी. 

पूर्वी लद्दाख गतिरोध को सुलझाने के लिए 17वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के मद्देनजर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस मुलाकात का बहुत महत्व है.

जयशंकर के साथ किन की मुलाकात के बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन, भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है.

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उन्होंने कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और दोनों की आबादी एक अरब से अधिक है. हम पड़ोसी हैं और दोनों उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं. चीन और भारत के सशक्त संबंध दोनों देशों और उनके लोगों के हितों को साधते हैं. 

माओ ने जयशंकर के साथ किन गांग की मुलाकात की पुष्टि नहीं की है लेकिन कहा है कि समय पर किन के भारत दौरे की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.

बता दें कि मई 2020 में पूर्वी लद्दाख गतिरोध की वजह से दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी. इस गतिरोध को सुलाझाने के लिए अभी तो दोनों देशों के बीच 17 दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ताएं हुए हैं. 

भारत हमेशा से कहता रहा है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल नहीं होगी.

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