रूस की करेंसी (Russian Rubles) की गिरती वैल्यू को बचाने की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है. ग्रुप ऑफ सेवन (Group of Seven) देशों के समूह ने रूस की उस मांग को मानने से साफ इनकार कर दिया है, जिसमें रूस से खरीदी जाने वाली ऊर्जा (तेल और गैस) के बदले रूसी करेंसी रूबल में भुगतान करने की बात कही गई थी.
जर्मनी के ऊर्जा मंत्री रॉबर्ट हेबेक (Robert Habeck) ने सोमवार को कहा है कि जी-7 के सभी सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि रूस की मांग ना मानी जाए. रॉबर्ट ने कहा कि हम दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. हमने तय किया है कि रूस से तेल खरीदने पर रूबल से भुगतान नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, 'मैंने सभी जी-7 देशों के मंत्रियों से बात की. सभी ने कहा कि अगर रूस ऐसा करने का दबाव बनाता है तो यह पहले से चले आ रहे करार (contract) का उल्लंघन होगा. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जी-7 देशों के इस फैसले पर रूस क्या रुख अपनाएगा.
पुतिन की बात ना मानने की अपील
जी-7 देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ वर्चुअल (ऑनलाइन) बैठक के बाद रॉबर्ट ने कहा कि रूस को रूबल के जरिए भुगतान नहीं किया जा सकता. उन्होंने अपने देश की ऊर्जा कंपनियों से अपील की कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बात ना मानें.
आपूर्ति रोकेगा या जारी रखेगा रूस?
बता दें कि इस मसले पर पत्रकारों ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव से कुछ सवाल किए थे. पत्रकारों ने पूछा था कि अगर यूरोपीय देश रूस की गैस और तेल के बदले रूबल में भुगतान नहीं करते हैं तो क्या रूस आपूर्ति में कटौती करेगा? इस पर जवाब देते हुए पेसकोव ने कहा था कि जाहिर तौर पर रूस मुफ्त में गैस की आपूर्ति नहीं करेगा.
स्लोवेनिया भी कर चुका है इनकार
इससे पहले स्लोवेनिया के के प्रधानमंत्री जेनेज जानसा ने भी रूबल का इस्तेमाल ना करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि यूरोप में कोई जानता भी है कि रूबल कैसा दिखता है, कोई भी रूबल में भुगतान नहीं करने वाला है.
रूबल की वैल्यू बढ़ाने के लिए उठाया कदम
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में कहा था कि जंग के बीच जो भी देश रूस का विरोध कर रहे हैं, उन्हें रूस से तेल और गैस खरीदने पर रूबल में ही भुगतान करना होगा. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक पुतिन ने यह कदम रूबल की वैल्यू बढ़ाने के लिए उठाया है. दरअसल, यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद रूस पर लगे प्रतिबंध के चलते रूबल की वैल्यू दूसरी करेंसी के मुकाबले काफी गिर गई है.
जी-7 में कौन से देश शामिल?
ग्रुप ऑफ सेवन कंट्रीज में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं.