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गाजा संघषर्विराम टूटा, इजरायल की गोलाबारी में 50 फिलस्तीनी मारे गए

गाजा और इजरायल के बीच 72 घंटे का संघर्ष विराम शुरू होने के कुछ ही देर बाद टूट गया तथा इजरायल की भारी गोलाबारी में हमास शासित गाजा में कम से कम 50 लोग मारे गए, जबकि फिलस्तीनी आतंकवादी संगठनों के हमले में उसके दो सैनिकों की भी मौत हो गयी तथा एक अन्य का अपहरण होने की आशंका है.

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गाजा और इजरायल के बीच 72 घंटे का संघर्ष विराम शुरू होने के कुछ ही देर बाद टूट गया तथा इजरायल की भारी गोलाबारी में हमास शासित गाजा में कम से कम 50 लोग मारे गए, जबकि फिलस्तीनी आतंकवादी संगठनों के हमले में उसके दो सैनिकों की भी मौत हो गयी तथा एक अन्य का अपहरण होने की आशंका है.

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मानवीय संघर्ष विराम शुक्रवार सुबह शुरू होने के दो घंटे बाद ही टूट गया. गाजा पट्टी में इजरायल और फिलस्तीनी आतंकवादी संगठनों के बीच तीन सप्ताह से भी अधिक दिनों से जारी संघर्ष की समाप्ति के लिए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से संघर्ष विराम हुआ था.

फिलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सुबह से दक्षिण रफा में इजरायल की भारी गोलाबारी में कम से कम 50 लोग मारे गए, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए. इसके साथ ही संघर्ष में अब तक 1509 फिलस्तीनियों ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं. इन हमलों में 7000 से अधिक लोग घायल हुए.

गाजा पर इजरायली हमले में 1509 लोगों की मौत का आंकड़ा वर्ष 2008-09 में ऑपरेश्न कास्ट लीड में मारे गए लोगों की संख्या से ज्यादा है. आज संघर्ष का 25वां दिन है. फिलस्तीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार ऑपरेश्न कास्ट लीड में 1417 लोग मारे गए थे जो काफी लंबा संघर्ष था और 22 दिनों तक चला था.

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इस बीच इजरायली सेना ने कहा कि उसके दो सैनिक मारे गए और गाजा पट्टी में संभवत: उसके एक अन्य सैनिक का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया. संघर्ष में अबतक भारतीय मूल के दो सैनिकों समेत 63 इजरायली सैनिक मारे गए हैं. वर्ष 2008-09 के दौरान दस इजरायली सैनिकों की जान गयी थी.

वर्तमान संघर्ष में करीब 400 इजरायली सैनिक घायल हुए हैं. रॉकेट और मोर्टार हमलों में तीन इजरायली नागरिक और एक थाई नागरिक मारा गया. इजरायली रक्षा बल के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर लर्नर ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रारंभिक संकेतों से पता चलता है कि आतंकवादियों ने एक सैनिक को अगवा कर लिया जो आतंकवादियों द्वारा संघषर्विराम उल्लंघन था.’

संकरी तटीय पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने इजरायली सैनिक के अपहरण की खबर की न तो पुष्टि की और न ही खंडन लेकिन कहा कि अपहरण की इजरायली की घोषणा संघर्ष विराम से उसके पीछे हटने का महज एक बहाना है.

इजरायल और हमास ने एक दूसरे पर नाजुक संघषर्विराम को तोड़ने का आरोप लगाया है. तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दावे-प्रतिदावे के बीच किसने संघषर्विराम तोड़ा. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘एक बार फिर गाजा में हमास और आतंकवादी संगठनों ने संघषर्विराम तोड़ा जबकि उन्होंने संघर्ष विराम के लिए स्वीकृति दी थी. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सामने संघषर्विराम तोड़ा.’

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इजरायली चैनल 10 ने खबर दी कि एशकोल रिजनल काउंसिल इलाके में आज सुबह दो कोड रेड सायरन बजे. एक खुले क्षेत्र में दो रॉकेट गिरे. संघषर्विराम की घोषणा नई दिल्ली में जारी एक बयान में की गयी थी, जहां अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी यात्रा पर हैं. संयुक्त राष्ट्र के पश्चिम एशिया शांति के विशेष संयोजक रॉबर्ट सैरी ने एक बयान में कहा कि इजरायल ने आज सुबह रफा इलाके में आईडीएफ (सेना) लाइन से पहले सुरंग से जुड़ी एक गंभीर घटना की खबर दी.

यदि पुष्टि होती है तो यह मानवीय संघषर्विराम का गंभीर उल्लंघन है और उसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए. अस्थायी संघर्ष विराम तड़के प्रभाव में आया. इससे पहले इजरायल अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त प्रस्ताव पर राजी हुआ जिन्होंने उसकी अहम मांग पर गौर किया. इजरायल मांग करता रहा है कि संघषर्विराम सौदे में यह शर्त हो कि उसके सैनिकों को 72 घंटे के संघषर्विराम के दौरान गाजा में रहने की अनुमति हो ताकि वे सुरंगों का पता लगा सकें और उन्हें नष्ट कर सकें.

इजरायल के अनुसार इन सुरंगों से आतंकवादी उसकी सीमा में दाखिल हो जाते हैं. पश्चिमी तट पर नियंत्रण रखने वाले फिलस्तीन प्राधिकरण के प्रतिनिधि और इजरायली प्रतिनिधिमंडल इस संघषर्विराम को 72 घंटे से आगे बढ़ाने के प्रयास के तहत काहिरा में हैं. हमास और इस्लामिक जिहाद के नेता भी काहिरा की राजधानी में डेरा डाले हुए हैं.

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