फिलिस्तीन के शहर गाजा में इजरायल के युद्ध पर विराम लग गया है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने एक एक्स पोस्ट में बताया कि गाजा में युद्धविराम लागू हो गया है. नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि युद्धविराम तीन घंटे देरी से लागू हुआ है, क्योंकि हमास ने बंधकों की लिस्ट सौंपने में देरी की. पीएम नेतन्याहू ने भी एक एक्स पोस्ट में बताया कि इजरायल को बंधकों की लिस्ट मिल गई है, और इसकी सिक्योरिटी जांच की जा रही है.
इजरायल और हमास के बीच एक साल से भी ज्यादा चली जंग पर रोक लगाने का रास्ता तलाश्ने के लिए युद्धविराम पर समझौता हुआ है. इसे चरणबद्ध लागू किया जाना है. समझौते के मुताबिक, पहला चरणा 42 दिनों का होगा और इस दौरान बंधकों की रिहाई होनी है. कमोबेश 33 इजरायली नागरिक अभी हमास की कैद में हैं. इनमें से रविवार को तीन बंधकों की रिहाई होगी, जिनके नाम हमास ने इजरायल को सौंपे हैं.
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तीन घंटे देरी से लागू हुआ युद्धविराम
इजरायल और हमास की जंग पर युद्धविराम का पहला चरण रविवार को सुबह 8.30 बजे से लागू होना था. इजरायली मीडिया के मुताबिक, हमास ने बंधकों की लिस्ट देने में देरी की और फिर इसे 11.15 बजे से लागू किया गया. पहले दिन तीन महिला बंधकों को रिहा किया जाएगा. इससे पहले इजरायली सेना ने गाजा में अपने आखिरी चरण की बमबारी की, और दावा किया कि हमास के ठिकानों को तबाह किया गया है.
7 अक्टूबर को हमास ने बनाए थे बंधक
हमास की बंधक से रिहा होने वाली एक बंधक रोमी गोनेन भी शामिल हैं. टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, एक इंस्टाग्राम पोस्ट में उनके भाई ने बताया कि उनकी बहम भी आज रिहा होने वाली बंधकों की लिस्ट में शामिल हैं. उन्हें नोवा फेस्टिवल से हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को बंदी बना लिया था. बताया जा रहा है कि उस दिन उनके तीन दोस्त मारे गए थे.
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युद्धविराम लागू होने के साथ नेतन्याहू के सहयोगियों ने छोड़ा साथ
गाजा में युद्धविराम लागू होने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के तीन सहयोगियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. वे फार-राइट पार्टी Otzma Yehudit पार्टी के सदस्य थे. पार्टी की तरफ से एक बयान में बताया गया है कि उनकी पार्टी अब सरकार का हिस्सा नहीं होगी. इस पार्टी के नेता इतामार बेन ग्विर नेतन्याहू सरकार में नेशनल सिक्योरिटी मंत्री थे. उनका मानना है कि इजरायल ने युद्धविराम पर समझौता करके हमास के सामने घुटने टेके हैं. बेन ग्विर का मानना है कि इजरायल का जो मकसद था वो पूरा नहीं हुआ और अपना मकसद पूरा किए बिना युद्ध नहीं रोका जाना चाहिए. मसलन, इजरायल का मकसद हमास को मिटाना था.