संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) के एक अधिकारी ने कहा कि गाजा पट्टी में अब तक कुल 469 बच्चे मारे जा चुके हैं. गाजा पट्टी में स्थिति बहुत भयानक है और 18 साल तक की आयुवर्ग के लोगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गाजा के कब्जे वाले फलिस्तीनी क्षेत्र में यूनीसेफ के क्षेत्रीय अधिकारी परनिल आयरनसाइड ने बताया, 'प्रभाव और बच्चों के मामले में स्थिति बहुत भयानक है.'
उन्होंने कहा, 'पिछले 48 घंटों में नौ बच्चे और मारे गए हैं. दुर्भाग्यवश इसके साथ ही इस सुबह तक मारे गए बच्चों की संख्या 469 हो गई है.'
लोंगों की मौतों, उनके घायल होने और इमारतों के धवस्त होने से शारीरिक स्तर पर लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है, खास तौर से बच्चे युद्ध के कारण भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से अस्थिर हो जाते हैं.
कनाडा में जन्मे मानवाधिकार अधिवक्ता और बच्चों के पैरोकार, जो कि गाजा में एक वर्ष अनुभव हासिल कर चुके हैं और फिलहाल संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत हैं, ने बताया कि बच्चे महसूस करते हैं कि कहीं भी जाना सुरक्षित नहीं है.
उन्होंने कहा, 'बच्चों में सुरक्षा की भावना पैदा करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'मैंने आज जब बच्चों से बात की, मैंने पाया कि उन्होंनें अपने परिवार के साथ सामान्य बातचीत करना छोड़ दिया है. उन्हें भयंकर सपने आते हैं, वे रो-रोकर अपना बिस्तर गीला कर देते हैं, वे अपने माता-पिता को भी बाहर नहीं जाने देना चाहते हैं.'