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इस्राइली हमले में करीब 100 फलस्तीनियों की मौत

युद्धविराम के आह्वान के बावजूद लगातार छठे दिन गाजा पट्टी पर इस्राइल की भीषण बमबारी जारी रही. हमले के दौरान गाजा के पुलिस मुख्यालयों को निशाना बनाया गया और हमले में मारे गए फलस्तीनियों की संख्या छह दिनों में 100 के करीब पहुंच गई है.

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युद्धविराम के आह्वान के बावजूद लगातार छठे दिन गाजा पट्टी पर इस्राइल की भीषण बमबारी जारी रही. हमले के दौरान गाजा के पुलिस मुख्यालयों को निशाना बनाया गया और हमले में मारे गए फलस्तीनियों की संख्या छह दिनों में 100 के करीब पहुंच गई है.

इस्राइल के हमले में सोमवार को कम से कम 21 लोग मारे गए जिसमें से तीन फलस्तीनी यहां पर ताजा हमलों में मारे गये. मीडिया के एक केन्द्र को दूसरी बार उस समय निशाना बनाया गया जब इस्राइली लड़ाकू विमानों ने गाजा सिटी में शुरूक टावर पर हमला किया.

इस भवन में फलस्तीन और ब्रिटेन के स्काई न्यूज, सउदी के नेतृत्व वाली अल अरबिया और सरकारी हमास प्रसारक, अल अक्सा टीवी सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन मौजूद है. हमले के दौरान इस भवन में अल-जजीरा का एक संवाददाता मारा गया. इस्राइली हमले में आम नागरिकों की मौतों के बीच मिस्र ने दोनों पक्षों में समझौता कराने के लिए मध्यस्थता के प्रयास तेज कर दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने काहिरा में होने वाली वार्ता में शामिल होने से पहले तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया है.

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इस्राइल ने अपने हमले को ‘ऑपरेशन पिलर ऑफ डिफेंस’ नाम दिया है. इस्राइली समाचार पत्र ‘होरेत्ज’ के अनुसार इस हमले में मरने वालों की संख्या 102 हो गई है. मरने वाले एक तिहाई लोग संघर्ष में शामिल नहीं थे. अखबार के अनुसार इस्राइली सेना (आईडीएफ) ने स्वीकार किया कि एक मिसाइल हमले में नौ फलस्तीनी ‘दुर्घटनावश’ मारे गए.

इधर, महिला और बच्चों सहित हताहतों की संख्या पर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने वैश्विक नेताओं को भरोसा दिया है कि इस्राइल इस बात का पूरा एहतियात बरत रहा है कि हमले में आम लोग नहीं मारे जाएं. दूसरी तरफ मून ने हिंसा पर दुख जताते हुए दोनों पक्षों से संघर्ष विराम का आह्वान किया है.

मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी ने मध्यस्थता के अपने प्रयास के तहत हमास के नेता खालिद मशाल और इस्लामिक जिहाद के रमजान शालाह से मुलाकात की. इस्राइल के वार्ताकार भी कल की बातचीत के लिए काहिरा पहुंच चुके हैं. ज्यादातर पश्चिमी देशों ने इस्राइल के सैन्य अभियान का समर्थन किया है. कुछ देशों ने गाजा में आम नागरिकों की मौत को लेकर हमले का विरोध भी किया है.

तुर्की के प्रधानमंत्री रेकेप तैयप एर्दोगान ने इस्राइल पर गाजा में ‘आतंकवादी कार्रवाई’ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पश्चिमी देश आम नागरिकों की हत्या को लेकर आंख ढके हुए हैं.

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उन्होंने कहा, ‘इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने वाले लोग मुसलमानों की सामूहिक हत्या को माफ कर देते हैं और गाजा में बच्चों की हत्या को लेकर मुंह मोड़ लेते हैं. इसी कारण मैं कहता हूं कि इस्राइल एक आतंकवादी देश है और वह आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता है.’ उधर, पश्चिमी तट में फलस्तीनी संगठन फतह, हमास और इस्मालिक जिहाद ने एकता का संकल्प लिया है.

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