पाकिस्तान को फौजी बूटों के तले बरसों रखने वाले तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और उसकी आपराधिक साजिश करने का मुकदमा चलेगा.ये आरोप तय हो चुके हैं और 6 अगस्त को रावलपिंडी की अदालत में उन्हें ये आरोप पढ़कर सुनाए जाएंगे और फिर मामले की सुनवाई शुरू होगी. मुशर्रफ की मुश्किलें यहीं नहीं रुकतीं. बलूचिस्तान के नेता अकबर बुगाती की हत्या में भी उनकी जमानत मंगलवार को खारिज कर दी गई.बुगाती अलग बलूचिस्तान देश की मांग करने वाले आंदोलन के अगुवा थे और मुशर्रफ के राज में उनकी ड्रोन हमले में हत्या कर दी गई थी.
मंगलवार को जज हबीब उर रहमान की एंटी टेररिज्म कोर्ट में मुशर्ऱफ को पेश किया गया.इस कोर्ट में 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में हुई भुट्टो की हत्या का मामला चल रहा है. शहर के लियाकत बाग में उस दिन पाकिस्तान की दो दफा प्रधानमंत्री रहीं पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की नेता बेनजीर भुट्टो की चुनावी सभा थी. सभा के बाद उन पर बंदूकों और बमों से हमला किया गया था, जिसमें भुट्टो की मौत हो गई थी.उस वक्त मुल्क में मुशर्रफ की हुकूमत थी.
इस मामले पर बात करते हुए सरकारी वकील चौधरी अजहर अली ने बताया कि अगली सुनवाई की तारीख यानी 6 अगस्त को मुशर्रफ के सामने उन पर लगे आरोप पढ़े जाएंगे. इसमें आपराधिक साजिश और हत्या शामिल है. फिर मुशर्रफ को इस आरोप पत्र पर दस्तखत करने होंगे.
जज रहमान ने पुलिस को हुक्म दिया है कि इन प्रोसेस के दौरान आरोपी अदालत में मौजूद रहें. इसलिए मुशर्रफ को अगली पेशी से छूट नहीं मिलेगी. अब तक अक्सर वह सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अदालत आने से बच रहे थे. इसके चलते पुलिस को भी जज की फटकार झेलनी पड़ी थी.
बस एक ही राहत, खाता बहाल हुआ
आरोप तय होने और जमानत रद्द होने के बीच मुशर्रफ को बस एक ही राहत मिली है. उनके वकील इलियास सिद्दीकी के आवेदन पर कोर्ट ने मुशर्रफ के बैंक खातों पर लगाई रोक खत्म कर दी है. उनकी संपत्ति पर भी लगी रोक हटा दी गई है.