पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों पर अत्याचार और वहां के जल संसाधनों के दोहन के विरोध में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया है.
इनका कहना था कि PoK में पाकिस्तान मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है और प्राकृतिक संसाधनों को लूट रहा है. इन राजनीातिक कार्यकर्ताओं ने PoK में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को भी ध्वस्त करने की मांग की.
Geneva: Political activists from Pakistan occupied Kashmir held a protest today in front of the United Nations Human Rights Council against human rights violations & exploitation of water resources by Pakistan; also demanded Pakistan to dismantle terror infrastructure in PoK pic.twitter.com/siBsPVqTuz
— ANI (@ANI) September 21, 2018
इससे पहले भी PoK में जल संसाधनों के दोहन को लेकर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ स्थानीय लोग कई बार सड़क पर उतर चुके हैं. आपको बता दें कि PoK में चीन कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बना रहा है, जिसका स्थानीय लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर PoK की राजनीतिक पार्टी आवामी एक्शन फोरम और स्थानीय लोगों ने मुजफ्फराबाद में सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था.
प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद-रावलपिंडी हाईवे को भी जाम कर दिया था और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी.
मालूम हो कि जनवरी 2015 में पाकिस्तान सरकार ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना थ्री जॉर्ज कॉरपोरेशन (CTGC) के साथ इस हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को विकसित करने का करार किया था. इसको साल 2021 तक पूरा किया जाना है. 1100 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में CTGC भारी भरकम निवेश कर रही है. CTGC की ओर से पाकिस्तान में किया जा रहा यह सबसे बड़ा निवेश है.
इस हाइड्रो प्रोजेक्ट से PoK में पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की चिंता जाहिर की जा रही है. साथ ही इसको लेकर स्थानीय लोगों को भी विस्थापित किया जा रहा है. इससे भी दिलचस्प बात यह है कि यहां बनने वाली बिजली स्थानीय लोगों को नहीं दी जाएगी. इसके अलावा स्थानीय लोगों को प्रोजेक्ट में नौकरी भी नहीं दी जा रही है. इसके अलावा नीलम झेलम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में लगे सैकड़ों स्थानीय लोगों को काम से हटा दिया गया था.
पाकिस्तान ने PoK को आर्थिक गलियारे के नाम पर चीन को एक तरह से सौंप रखा है, जिसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और पाकिस्तान इनको सेना के बल पर कुचल रहा है. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिनका पूर्ण दोहन पाकिस्तान लंबे समय से करता रहा है.
इसके अतिरिक्त भारत भी हमेशा से कहता आ रहा है कि पीओके पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है और उसे खाली करना होगा. भारत का कहना है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर को लेकर कोई विवाद है, तो सिर्फ पाकिस्तान की तरफ से पीओके पर अवैध कब्जा है.