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25 साल पुराना विमान, 38 हजार फीट ऊंचाई और 150 लोग... जब Co-Pilot ने जानबूझकर करवाया प्लेन क्रैश

साल 2015 की वो घटना जब एक को-पायलट ने जानबूझकर जर्मनविंग्स की फ्लाइट को क्रैश करवा दिया. उसने ऐसा क्यों किया? जब इंवेस्टिगेशन की गई तो कारण जानकर सभी के होश उड़ गए. इस हादसे में 144 पैसेंजर्स सहित 6 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी. चलिए जानते हैं इस फ्लाइट हादसे के बारे में विस्तार से...

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इस प्लेन हादसे में चली गई थी 150 लोगों की जान.
इस प्लेन हादसे में चली गई थी 150 लोगों की जान.

तारीख, 24 मार्च 2015... जर्मनविंग्स की फ्लाइट 9525 (Germanwings Flight 9525) ने सुबह से 10 बजकर 1 मिनट पर स्पेन के बार्सिलोना-एल प्रात हवाई अड्डे (Barcelona–El Prat Airport) से उड़ान भरी. फ्लाइट को डसेलडोर्फ एयरपोर्ट (Düsseldorf Airport) पर लैंड करना था.

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इस प्लेन में 144 पैसेंजर्स और 6 क्रू मेंबर्स सवार थे. फ्लाइट को 34 वर्षीय पायलट पैट्रिक सोंडेनहाइम (Patrick Sondenheime) उड़ा रहे थे. जिनके पास फ्लाइट चलाने का 10 साल का कुशल अनुभव था. जबकि, उनके साथ को-पायलट थे, 27 साल के एंड्रियास लुबित्स (Andreas Lubitz). जिसके पास सिर्फ 630 फ्लाइट आवर्स का अनुभव था. इस प्लेन में सवार ज्यादातर यात्री जर्मनी और स्पेन से थे.

जर्मनविंग्स फ्लाइट 9525 लगभग 25 साल पुराना विमान था. लेकिन इसकी मेंटेनेंस इतनी अच्छे से की गई थी कि यह विमान यात्रा के लिए सुरक्षित था. उस दिन मौसम भी बिल्कुल साफ था. बारिश और तूफान का नामोनिशान तक नहीं था. फ्लाइट सुबह 10 बजकर 1 मिनट पर उड़ान भरते ही धीरे-धीरे काफी ऊंचाई पर जा पहुंचा. करीब 30 मिनट के बाद यह प्लेन लगभग 38 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया.

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अब कैप्टन के पास काफी समय बच गया था. इसलिए पायलट पैट्रिक सोंडेनहाइम ने प्लेन को ऑटो पायलट मोड पर सेट कर दिया. फिर वॉशरूम का इस्तेमाल करने के लिए वह कॉकपिट से बाहर चले गए. उधर ATC समय-समय पर फ्लाइट 9525 को गाइड कर रहा था. तभी यह फ्लाइट अचानक से तेजी के साथ नीचे की ओर आने लगी.

ATC को नहीं मिल रहा था कोई रिस्पॉन्स
यह देखते ही ATC ने तुरंत फ्लाइट 9525 के पायलट के साथ संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन पायलट तो वॉशरूम में थे. इसलिए वहां से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया. ATC बार-बार पायलट को कॉन्टेक्ट करने की कोशिश कर रहा लेकिन एक बार भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. उधर पायलट को भी भनक लग गई कि फ्लाइट में कुछ सही नहीं हो रहा है.

पायलट करता रहा दरवाजा खोल देने की विनती
वह जल्दी से कॉकपिट का दरवाजा खोलकर अंदर जाने लगे. ताकि फ्लाइट को नियंत्रण में ला सकें. लेकिन उन्होंने पाया कि दरवाजा अंदर से लॉक है. उन्होंने को-पायलट एंड्रियास लुबित्स को आवाज लगाई कि वह दरवाजा खोल दे. लेकिन एंड्रियास ने उनकी बात का कोई जवाब नहीं दिया. यह देखते ही पायलट घबरा गए. उन्होंने कई बार दरवाजा खटखटाया. एंड्रियास से विनती की कि 'भगवान के लिए दरवाजा खोल दो ताकि मैं फ्लाइट को नियंत्रण में ला सकूं.'

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चीखने-चिल्लाने लगे सभी यात्री
लेकिन एंड्रियास ने फिर भी दरवाजा नहीं खोला. पायलट ने यहां तक कि दरवाजा तोड़ने की भी कोशिश की. मगर दरवाजे में इतने सिक्योरिटी लॉक थे कि वो दरवाजे को नहीं खोल पाए. प्लेन में जोर-जोर के झटते लग रहे थे. इससे यभी यात्री भी घबरा गए. पूरी फ्लाइट में चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगीं. पायलट ने बार-बार को पायलट से विनती की कि दरवाजा खोल दे ताकि वह प्लेन को क्रैश होने से बचा सकें. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

पहाड़ी से जा टकराया प्लेन
फिर एंड्रियास इस फ्लाइट को पहाड़ी की तरफ उड़ाकर ले गया. फिर थोड़ी ही देर बाद प्लेन एक पहाड़ी (Massif des Trois-Évêchés) से जा टकराया. एक जोरदार धमाका हुआ और फ्लाइट के चिथड़े उड़ गए. फ्लाइट में एकदम से आग गई और वह पूरी जल गई. उसमें सवार सभी लोग यानी पूरे 150 लोग मारे गए. कुछ परिवार वालों को तो अपनों डेड बॉडीज तक ठीक से नसीब नहीं हुईं. क्योंकि शवों की हालत ऐसी हो चुकी थी कि उन्हें पहचानना ही मुश्किल था.

डीएनए टेस्ट के जरिए शवों की पहचान की गई फिर उन्हें उनके अपनों को सौंपा गया. प्लेन के छोटे-छोटे टुकड़े, पैसेंजर्स के कटे हुए अंगऔर उनका सामान चारों तरफ बिखरा पड़ा था. ऐसा नजारा देखकर इंवेस्टिगेटर्स का भी सिर चकरा गया. आखिर को-पायलट ने ऐसा क्यों किया. क्या वो किसी आतंकी संगठन से जुड़ा था या फिर इस हादसे के पीछे कोई और ही कारण था. इस बात का पता लगाना अब इंवेस्टिगेटर्स के लिए जरूरी हो गया था.

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फ्लाइट से मिला एक सबूत
इसके लिए घटना स्थल से इंवेस्टिगेटर्स ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को बरामद किया गया. लेकिन इसे डीकोड करने के बाद भी इंवेस्टिगेशन टीम को कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई. लेकिन एक सबूत मिला. पायलट पैट्रिक सोंडेनहाइम इस प्लेन को ऑटो पायलट मोड में डालकर कॉकपिट से बाहर गए थे. तभी को-पायलट ने दरवाजे के अंदर से बंद कर लिया था और ऑटो पायलट को डिसअंगेज कर दिया था.

साथ ही उसने कॉकपिट के डोर को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई करने वाले मेन स्विच को भी बंद कर दिया था. ताकि पायलट बाहर से भी दरवाजा खोलने की कोशिश करे तो वह खुले ही ना. दरअसल, पायलट के पास भी दरवाजे को खोलने का कोड था. लेकिन जब उसमें इलेक्ट्रिसिटी ही सप्लाई नहीं हो रही थी तो कोड से भी दरवाजा खोला नहीं जा सकता था.

मानसिक रूप से अस्वस्थ था को पायलट
उधर को-पायलट ने फ्लाइट में छेड़खानी करना शुरू कर दिया ताकि वह जल्दी से जल्दी क्रैश हो जाए. उसने प्लेन के नोज को नीचे कर दिया और स्पीड को बढ़ा दिया. जिससे विमान पहाड़ी में जा टकराया. The Guardian की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के तीन दिन बाद इंवेस्टिगेशन टीम एंड्रियास के घर पहुंची. वहां तलाशी लेने पर उन्हें एक डॉक्टर की रिपोर्ट मिली. यह मेडिकल रिपोर्ट एंड्रियास की थी. उसमे साफ-साफ लिखा था कि एंड्रियास मानसिक तौर पर काम करने के लिए बिल्कुल भी फिट नहीं है. इसलिए वो किसी भी तरह का कोई काम न करे.

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दरअसल, एंड्रियास एक मानसिक बिमारी का शिकार हो गया था. उसके लिए वह डॉक्टर से ट्रीटमेंट ले रहा था. लेकिन इस बारे में उसने कहीं भी जिक्र नहीं किया था. एविएशन वालों से भी उसने यह बात छुपाई थी. अगले दिन फिर से इंवेस्टिगेशन टीम को उसके घर से कुछ दवाइयां मिलीं. इससे साफ हो गया था कि एंड्रियास मानसिक बिमारी का ट्रीटमेंट ले रहा है. वह प्लेन को उड़ाने के लायक नहीं था. उसने 40 से भी ज्यादा डॉक्टर्स से अपना ट्रीटमेंट करवाया था.

जानबूझकर करवाया था प्लेन क्रैश
दवाइयों का ज्यादा सेवन करने से उसकी नजर कमजोर होने लगी थी. वह धीरे-धीरे अंधा होने लगा था. उसे डर था कि अंधा हो जाने के कारण कहीं उसका पायलट का लाइसेंस ही न रद्द कर दिया जाए. इसलिए उसने फ्लाइट को क्रैश करके सुसाइड करने का प्लान बनाया. उसका कंप्यूटर चेक करने के बाद यह पता चला कि वो हमेशा गूगल पर चेक करता था कि सुसाइड कैसे किया जाए.

उसके सुसाइड की एक और वजह भी सामने आई. दरअसल, उसकी एक गर्लफ्रेंड भी थी. जिसका नाम कैथरीन था. दोनों जल्द ही शादी करने वाले थे. लेकिन हाल ही में उनका ब्रेकअप हो गया था. जिससे वह और ज्यादा परेशान हो गया था. वह हमेशा गर्लफ्रेंड से कहता था कि देख लेना एक दिन मैं ऐसा काम करूंगा कि पूरी दुनिया मुझे याद रखेगी. खैर जो भी हो एंड्रियास के कारण 149 लोगों को बिना किसी कारण के अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया.

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