तीन देशों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम अपने आखिरी पड़ाव कनाडा रवाना हो चुके हैं. इससे पहले जर्मनी में चांसलर एंजेला मर्केल के साथ उन्होंने साझा बयान दिया. मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर वार किया. उन्होंने कहा कि आतंक को पनाह देने वाली सरकार पर दबाव बनाना चाहिए.
साझा बयान में सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता और आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंक को पनाह देने वाली सरकार पर दबाव बनाना होगा. जरूरत है कि यूएन आतंकवाद की नई परिभाषा तय करे. यह अन्याय ही है कि गांधी और बुद्ध की धरती भारत को आज तक सुरक्षा परिषद में जगह नहीं मिली है. भारत शांति मिशन में सबसे अधिक सैनिक भेजता है. हम हमेशा वैश्विक शांति के लिए प्रयास करते हैं. जितने संवेदनशील हम परमाणु शक्ति के लिए हैं, उतना ही हमें आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों के प्रति भी होना चाहिए.'
प्रधानमंत्री ने चांसलर मर्केल को भारत यात्रा का न्योता दिया है. मोदी ने कहा कि अक्टूबर में उन्हें मर्केल की भारत यात्रा का इंतजार रहेगा. पीएम ने कहा, 'आतंकवाद से निपटने के लिए भारत-जर्मनी को मिलकर काम करना पड़ेगा. जर्मनी भारत में क्लीन एनर्जी के लिए काम करेगा, रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र में भी हमें सहयोग की अपेक्षा है. हम जर्मन कंपनियों के लिए भारत में निवेश को आसान करेंगे.' पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जर्मन चांसलर के साथ बहुत खुले मन और गहराई के साथ भारत-जर्मनी संबंधों पर बात की.
बर्लिन में भव्य औपचारिक स्वागत
जर्मनी की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मंगलवार को हैनोवर से बर्लिन पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया. फेडरल चांसलरी पहुंचने पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने मोदी का स्वागत किया. इस दौरान जर्मन बैंड ने सुरीली धुन बजाई. इसके बाद पीएम मोदी मर्केल द्वारा दिए गए भोज में शामिल हुए. भोज के बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी.
प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद जर्मनी के एक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे. इससे पहले वह जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर से मिले. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं. जर्मनी उनकी यात्रा का दूसरा पड़ाव है. जर्मनी से पहले वह फ्रांस गए थे. कनाडा उनकी यात्रा का तीसरा और आखिरी पड़ाव होगा. अपने जर्मन प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अप्रैल को हैनोवर पहुंचे थे. वहां उन्होंने हैनोवर मेसे मेले में भाग लिया. भारत इस मेले का साझेदार देश है.