उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो (NATO) की हवाई सेना का सपोर्ट करने के लिए जर्मनी ने रोमानिया में तीन और लड़ाकू विमान भेजने का ऐलान किया है. शुक्रवार शाम बर्लिन स्थित रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
जर्मनी के रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच ने संसदीय रक्षा समिति को सूचित करने के बाद मीडिया से कहा, हमने रोमानियाई एअर पुलिस मिशन के लिए अपने कमिटमेंट के मुताबिक समर्थन दिया है. जर्मनी नाटो की अन्य मांगों का पालन करने के लिए तैयार है.
इससे पहले, गुरुवार को रोमानियाई रक्षा मंत्रालय पुष्टि की थी कि जर्मन वायु सेना के तीन यूरोफाइटर टाइफून लड़ाकू जेट मिहैल कोगलनिकेनु एयर बेस पर उतरे हैं.
उधर, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच नाटो देशों की बैठक शुरू हो गई है जिसमें रूस को घेरने के लिए आगे की रणनीति तय की जा रही है. उधर, रूस में भी पुतिन अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् के साथ बैठक करने में जुटे हैं.
अमेरिका पहले ही साफ कर चुका है कि यूक्रेन की रक्षा के लिए अपने सैनिक नहीं भेजेगा. लेकिन संक्रटग्रस्त यूक्रेन नाटो देशों को चेतावनी दे रहा है कि आज हमारे ऊपर रूस का कब्जा होगा जो आने वाले समय में लातविया और एस्टोनिया समेत सोवियत संघ से टूटे देशों पर भी खतरा मंडराएगा. यानी कि रूस सिर्फ यूक्रेन पर ही रुकने वाला नहीं है.
विशेषज्ञों की मानें तो यूक्रेनी राष्ट्रपति जलेंस्की की चेतावनी के बाद अब नाटो गठबंधन में शामिल देश जो लड़ाकू विमान और सैन्य सामान भेज रहे हैं, वो अपने सहयोगी देशों के लिए भेज रहे हैं न कि यूक्रेन के समर्थन में रूस से लड़ने के लिए.
संवेदना दिखाते हुए पश्चिमी देशों ने साल 2014 से करीब 2.5 बिलियन डॉलर और पिछले 2-3 महीनों में 500 मिलियन के हथियार यूक्रेन को उपलब्ध कराए हैं. इनमें एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें, लड़ाकू विमान इत्यादि शामिल हैं. हालांकि, उसके बाद यूक्रेन की सेना महज कुछ घंटों में तितर बितर हो गई है और रूस की सेना राजधानी कीव पर पहुंच गई है.