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PoK पर पाकिस्तान फिर बेनकाब, बाल्टिस्तान में PAK सेना के अत्याचार के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा

प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की ओर से उन पर जुल्म किए जा रहे हैं. उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. लोगों की आवाज दबाने के लिए सेना और पुलिस बल का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है.

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फोटो- ANI
फोटो- ANI

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पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. जहां प्रदर्शनकारियों ने 'पाकिस्तान वापस जाओ' के नारे लगाए. साथ ही बाबा जन की रिहाई की मांग की है. बाबा जन को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 40 साल की सजा सुनाई है. साथ ही एंटी-टेररिस्ट लॉ के तहत पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही 500 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है.

भारत के समर्थन में उठ रही आवाजें
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ज्यादतियों से तंग आने के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता मर्री ने ट्वीट किया है कि भारत को इस समस्या से निपटने में मदद करनी चाहिए. मर्री ने लिखा है कि अगर पाकिस्तानी अधिकारी कश्मीरी नेताओं से मिल सकते हैं तो फिर भारत क्यों नही? बलोच नेता ने कहा है भारत को मानवाधिकार हनन का यह मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाना चाहिए.

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सेना की ज्यादतियों के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन
प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की ओर से उन पर जुल्म किए जा रहे हैं. उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. लोगों की आवाज दबाने के लिए सेना और पुलिस बल का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है.

न रोजगार मिल रहा न विकास
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि न तो उनका विकास हो रहा है और न ही युवाओं के पास रोजगार है. युवाओं के पास आगे बढऩे का कोई रास्ता भी नहीं है.

चीन के बढ़ते प्रभाव का भी विरोध
विरोध की एक वजह पाकिस्तान के इस शहर पर चीन का बढ़ता प्रभाव भी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान इस क्षेत्र में मौजूद संसाधनों का सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. इतना ही नहीं गिलगित-बाल्टिस्तान में बसे लोगों का विरोध चीन-पाकिस्तान के बीच बन रहे आर्थिक गलियारे को लेकर भी है.

रिपोर्ट के मुताबिक चीन तीन हजार किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारे पर 40 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च कर रहा है. इसके जरिए पश्चिमी चीन और दक्षिणी पाकिस्तान को सड़क, रेल और पाइपलाइन से जोड़ा जा सकेगा.

जबरदस्ती जमीन हथियाई जा रही
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से इलाके में बड़ा सामाजिक-आर्थिक बदलाव आएगा. लेकिन लोगों का कहना है कि इस योजना को लेकर उनसे कभी सलाह मशविरा नहीं किया और जबरन उनकी जमीनें हथिया लीं.

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