क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 'विजन 2030' पर काम कर रहे सऊदी अरब को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. सऊदी अरब ने इटली और दक्षिण कोरिया को मात देते हुए वर्ल्ड फेयर 2030 की मेजबानी की बोली जीत ली है. सऊदी अरब की इस सफलता पर 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने भी प्रतिक्रिया दी है.
वर्ल्ड एक्सपो 2030 की मेजबानी के लिए सऊदी अरब एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए था. वर्ल्ड एक्सपो का आयोजन अक्टूबर 2030 से मार्च 2031 के बीच किया जाएगा. सऊदी सरकार की सरकारी एजेंसी 'सऊदी गैजेट' के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी ब्यूरो ने मंगलवार को घोषणा की है कि सऊदी अरब अक्टूबर 2030 से मार्च 2031 तक वर्ल्ड एक्सपो की मेजबानी करेगा.
इटली और दक्षिण कोरिया से ज्यादा वोट सऊदी अरब के पक्ष में
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड फेयर 2030 की मेजबानी किसे दी जाए, इसका चयन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी ब्यूरो के सदस्य देशों ने पेरिस में आयोजित 173वीं महासभा के दौरान वोटिंग की. संगठन के 182 सदस्यों देशों में से 119 देशों ने सऊदी अरब के पक्ष में वोट किया. वहीं, दक्षिण कोरिया को 29 और इटली को सिर्फ 17 देशों का समर्थन मिला.
सऊदी अरब की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि पिछले साल कतर में आयोजित हुए फुटबॉल विश्व कप के बाद यह दूसरा मौका होगा जब कोई खाड़ी देश इस तरह के आयोजन की मेजबानी करेगा. इसे खाड़ी देश और खासकर सऊदी अरब के लिए एक राजनयिक जीत के रूप में देखा जा रहा है.
World Expo 2030 will take place in Riyadh, Saudi Arabia with the theme “The Era of Change: Together for a Foresighted Tomorrow”, following a vote by Member States of the BIE during the 173rd General Assembly of the Organisation #BIE173 https://t.co/Oh5gCvJqUY pic.twitter.com/GtXP3yR67z
— BIE (@bieparis) November 28, 2023
मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने दी बधाई
57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने बयान जारी करते हुए सऊदी अरब को वर्ल्ड फेयर की मेजबानी मिलने के लिए बधाई दी है. OIC के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "2030 एक्सपो की मेजबानी के लिए सफल बोली लगाने के लिए ओआईसी के महासचिव ने सऊदी अरब और वहां के लोगों को बधाई दी है.'
बयान में आगे कहा गया है, "सऊदी अरब की यह वैश्विक उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सऊदी अरब के प्रति दुनिया के विश्वास को दर्शाती है. सऊदी अरब की योग्यता इस बड़े और महत्वपूर्ण आयोजन के लिए उसे एक बेहतरीन मेजबान बनाती है."
OIC के महासचिव ने जोर देते हुए कहा है कि सऊदी अरब की यह उपलब्धि अरब सम्राज्य के बेहतरीन नेतृत्व और ईमानदार अथक प्रयासों का परिणाम है.
#OIC Secretary-General Congratulates Saudi Arabia’s Leadership, Government and People over Riyadh Hosting of Expo 2030: https://t.co/PKOUoAyDF5 #RiyadhExpo2030 pic.twitter.com/ewqamWyh0z
— OIC (@OIC_OCI) November 29, 2023
पाकिस्तान ने भी सऊदी अरब को दी बधाई़
वर्ल्ड फेयर 2030 की मेजबानी की बोली जीतने पर पाकिस्तान ने भी सऊदी अरब को बधाई दी है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, "2030 वर्ल्ड एक्सपो की मेजबानी की बोली जीतने पर सऊदी अरब को हम दिल से और भारी समर्थन के साथ बधाई दे रहे हैं. सफल आयोजन के लिए हमारी शुभकामनाएं हैं."
We extend our heartiest congratulations to the Kingdom of Saudi Arabia on winning the bid to host the 2030 World Expo in the capital city of Riyadh with overwhelming support. They have our best wishes for a successful Expo.@Riyadh_Expo2030
— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) November 28, 2023
मिस्र ने भी दी बधाई
वर्ल्ड एक्सपो 2030 की मेजबानी की सफल बोली के लिए मुस्लिम देश मिस्र ने भी सऊदी अरब को बधाई दी है. मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा है, " पहले दौर के मतदान में ही इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के आयोजन की बोली जीतना सऊदी अरब की क्षमता और उसके प्रति दुनिया के विश्वास को दिखाता है. हम सऊदी अरब के भाईचारे की निरंतर सफलता और प्रगति की कामना करते हैं."
अरब लीग ने भी दी बधाई
अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत (Ahmed Aboul Gheit) ने भी सऊदी अरब को वर्ल्ड एक्सपो 2030 की बोली जीतने की बधाई दी है. अरब लीग ने इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी को अरब दुनिया के लिए एक सफलता बताया है. अरब संसद के अध्यक्ष अब्दुलरहमान अल-असौमी ने सऊदी अरब को बधाई देते हुए कहा है कि रियाद में वर्ल्ड एक्सपो का आयोजन देश की क्षमता और उत्कृष्टता के प्रति अंतरराष्ट्रीय विश्वास को दर्शाता है.
सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान ने क्या कहा?
वर्ल्ड फेयर 2030 की मेजबानी हासिल करने के बाद सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब के पक्ष में वोट देने वाले सदस्य देशों को आभार व्यक्त किया है. क्राउन प्रिंस ने कहा है कि यह जीत सऊदी अरब की नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है.
मोहम्मद बिन सलमान ने आगे कहा है कि सऊदी अरब इस असाधारण और अभूतपूर्ण वर्ल्ड फेयर एक्सपो को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. सऊदी अरब मानवता के उज्जवल भविष्य के लिए सक्रिय और सकारात्मक योगदान दे रहा है. इस आयोजन का मकसद एक वैश्विक मंच प्रदान करना है. जिससे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया जा सके और अवसरों को अनुकूल बनाते हुए आज की चुनौतियों के समाधान के लिए सबसे प्रतिभाशाली देशों को एक मंच पर लाया जा सके.
सऊदी क्राउन प्रिंस ने आगे कहा कि वर्ल्ड ट्रेड एक्सपो 2030 की मेजबानी सऊदी अरब के विजन 2030 के लक्ष्यों और योजनाओं से मेल खाती है. यह एक अवसर है जहां हम अपने अभूतपूर्व परिवर्तन को दुनिया के साथ साझा कर सकते हैं.
We welcome the world to our capital Riyadh 🇸🇦#RiyadhTheWorldsChoice#RiyadhExpo2030 pic.twitter.com/qJ7ODwOccF
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) November 28, 2023
क्या है सऊदी का 'विजन 2030' ?
तेल से मिलने वाले राजस्व से अपनी निर्भरता को कम करने के लिए सऊदी अरब खुद को नए तौर-तरीके से पेश कर रहा है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब वैश्विक जरूरतों और भविष्य को देखते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में खुद को विकसित कर नई पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है.
मोहम्मद बिन सलमान के क्राउन प्रिंस बनने के बाद से सऊदी में कई बड़े सामाजिक बदलाव हुए हैं. जिस सऊदी अरब में पहले महिलाओं को हमेशा पर्दा यानी घूंघट, बुर्का, नकाब या हिजाब में बाहर जाने की अनुमति थी. उसी सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति दी गई. साथ ही अकेले यात्रा करने की भी इजाजत दी गई है. सिनेमाघरों पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है.
क्या है वर्ल्ड एक्सपो? What is World Expo?
वर्ल्ड एक्सपो का पुराना और समृद्ध इतिहास है. इसकी शुरुआत 1851 में हुई थी. लंदन में आयोजित पहला वर्ल्ड एक्सपो का मकसद तकनीकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करना था, जो धीरे-धीरे एक वैश्विक मंच बन गया. 1851 में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो में लगभग 180 देशों के 18 हजार व्यापारियों ने हिस्सा लिया था. वर्ल्ड एक्सपो ने सांस्कृतिक वैश्वीकरण और लैंगिक समानता को भी बढ़ावा दिया, जिससे कई अंतरराष्ट्रीय निर्णय प्रभावित हुए हैं.
इस मेगा इवेंट का आयोजन हर पांच साल में किया जाता है. जिसे देखने के लिए दुनिया भर से लाखों लोग आते हैं.