दुनिया की सबसे बड़े इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को बहुत बड़ा धक्का लग सकता है. उस पर 30,500 रुपये के जुर्माने का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल भारत में स्पर्धा की निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसी कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) उसके खिलाफ जांच कर रही है. उस पर आरोप है कि कंपनी अपनी बेहतर स्थिति का फायदा उठाकर देश में प्रतिस्पर्धा नहीं होने दे रही है. इस सेवा पर उसने अपना एकाधिकार बना लिया है.
इस आरोप की पुष्टि होने पर गूगल को 5 अरब डॉलर यानी लगभग 30,500 करोड़ रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है. गूगल का कहना है कि वह सीसीआई को इस जांच में पूर्ण सहयोग पहुंचा रहा है. इसके लिए उसने अमेरिकी ऐंटी ट्रस्ट संस्था की भी जांच का हवाला दिया है जिसने दो साल जांच करने के बाद कहा कि गूगल की सेवाएं कंपीटिशन के लिए सही हैं.
सीसीआई के नियमों के मुताबिक किसी भी संस्था को जो उनका उल्लंघन करती है, उसके तीन साल के कुल कारोबार के 10 प्रतिशत तक देना होगा. गूगल के मामले में यह रकम बहुत ज्यादा है क्योंकि गूगल का पिछले तीन सालों में कुल कारोबार 49.1 अरब डॉलर (3.01 लाख रुपये) है. इस परअधिकतम जुर्माना 5 अरब डॉलर बनता है.
गूगल के एक प्रवक्ता ने इस पर कहा कि हम सीसीआई को पूरा सहयोग कर रहे हैं. इस मामले में समस्या यह है कि सीसीआई के पास की गई कोई भी शिकायत वापस नहीं ली जा सकती. जांच को पूरा होना ही होगा.
गूगल के खिलाफ CUTS इंटरनेशनल नाम की एक संस्था ने पहले आरोप लगाया और फिर उसके बाद मैटरीमोनी.कॉम प्राइवेट लिमिटेड ने. पिछले साल सीसीआई के चेयरमैन अशोक चावला ने कहा था कि गूगल सर्च इंजन पर आरोप है कि वह सिर्फ कुछ खास को ही मदद करता है. और सर्च के दौरान वे ही सबसे पहले आते हैं जो उचित नहीं है. अब हम यह जानना चाहते हैं कि यह कैसे और क्यों होता है.