लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर इजरायली सेना के हमले जारी हैं. इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने दावा किया है कि लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान हिज्बुल्लाह के 200 से ज्यादा ठिकानों पर हमला किया गया, जिसमें लगभग 60 लड़ाके मारे गए हैं. इजरायल ने दक्षिण बेरूत के उपनगर दहिए पर फिर से हमले शुरू कर दिए हैं. ये वही इलाका है जहां हिज्बुल्लाह का हेडक्वार्टर था, जिस पर हुई एयर स्ट्राइक में नसरल्लाह की मौत हो गई.
लेबनान में इजरायली हमलों के बीच आजतक ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पल-पल की अपडेट आजतक पहुंचा रहा है. इस क्रम में आजतक संवाददाता अशरफ वानी ने लेबनान में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत कर उनका हाल जाना. दरअसल, दुनिया में कोई जगह नहीं है जहां पर आपको हिंदुस्तानी नहीं मिलेंगे. लेबनान भी एक ऐसा देश है, जहां पर कुछ महीने पहले तक करीब चार हिंदुस्तानी काम करते थे.
इस्लामिक देश होने के नाते यहां पर मस्जिद तो है ही, साथ में गुरुद्वारे और मंदिर भी हैं. यहां कई भारतीयों की बाजारों में दुकानें और रेस्टोरेंट्स भी हैं. हालांकि इजरायल के हमलों के बाद यहां रहने वाले तमाम भारतीय दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो गए हैं. इस दौरान बेरूत में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले भारतीय समुदाय के अमनदीन से बातचीत की गई.
देखें, भारतीय समुदाय के युवक से बातचीत का वीडियो-
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लेबनान में अब बचे सिर्फ 1 हजार भारतीय
उन्होंने बताया कि यहां पर पहले चार हजार भारतीय समुदाय के लोग थे. लेकिन युद्ध के मद्देनजर अब मुश्किल से यहां पर 1 हजार के आस-पास लोग ही बचे होंगे. इनमें से भी करीब 100-150 लोग ऐसे हैं जो निकलने के लिए फ्लाइट के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. यहां रहने वाले भारतीयों को सबसे ज्यादा डर अभी इसी बात का है कि जिस इलाके में हम रह रहे हैं, क्या वो इलाका सुरक्षित है? हालांकि जिस इलाके में हम रह रहे हैं, वो काफी सुरक्षित है और काफी चहल पहल भी है. बाकी कई भारतीय ऐसे हैं जो इधर-उधर इलाकों में थे, वो पहाड़ों में सुरक्षित जगहों पर छिप गए हैं और फ्लाइट चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद वह भारत को रवाना हो जाएंगे.
लेबनान के लोग अपने काम से काम रखते हैं: अमनदीप
युद्ध के बारे में बात करते हुए अमनदीप ने कहा कि सभी लोग चाहते हैं जो लड़ाई पिछले साल अक्टूबर के बाद से शुरू हुई है, वह जल्द से जल्द खत्म हो जाए. करीब एक साल होने को आया है, लेकिन स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. किसी को नहीं पता कि कब तक ये लड़ाई चलेगी. इसलिए ही लोग यहां से सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं. लेबनान में पांच साल से रह रहे अमनदीप ने कहा कि यहां के लोग बहुत सिंपल हैं औऱ अपने काम से काम रखते हैं. वो खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करते हैं और दिन प्रतिदिन की एक्टिविटीज में लगे रहते हैं.
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हिज्बुल्लाह के लड़ाकों पर इजरायल का ड्रोन अटैक
इजरायली सेना ने हिज्बुल्लाह लड़ाकों के एक ग्रुप पर भी ड्रोन अटैक किया. आईडीएफ ने बताया कि गुरुवार सुबह दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के दो लड़ाकों ने सैनिकों पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद उनपर ड्रोन अटैक किया गया. इस ड्रोन अटैक में दोनों लड़ाके मारे गए. आईडीएफ का कहना है कि रामिम रिज इलाके में भी हिज्बुल्लाह के कई लड़ाके मारे गए हैं. ये वो लड़ाके थे, जिन्होंने इजरायल पर मिसाइलें दागी थीं. इजरायली सेना का कहना है कि लड़ाकू विमानों ने हाल ही में दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली इमारतों, हथियार डिपो, चेकपोस्ट और बाकी इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत 200 से ज्यादा ठिकानों पर बमबारी की है.
लेबनान में इजरायल का चौथा ऑपरेशन
इजरायली सेना पूरे दक्षिणी लेबनान में फैल चुकी है. इजरायल की नेशनल सिक्योरिटी कैबिनेट ने कहा कि यह हिज्बुल्लाह के खिलाफ अगले चरण की लड़ाई है. करीब 50 साल में यह चौथी बार है जब इजरायली सेना लेबनान की जमीन पर पहुंची हैं. 2006 में चले 34 दिन लंबे युद्ध के बाद यह पहली बार है. इजरायली सेना इसे सीमित जमीनी ऑपरेशन कह रही है. जिसमें वायुसेना भी मदद कर रही है. आसमान से बम और मिसाइल गिराकर जमीनी फौज के लिए रास्ता साफ किया जा रहा है. इसके अलावा अर्बन वॉर लेबनान की गलियों और सड़कों पर हो रही है. इजरायल ने कहा है कि वो लंबे समय तक लेबनान पर कब्जा नहीं करेगा.