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पेरिस: पैगंबर का कार्टून छापने वाली पत्रिका के दफ्तर पर हमला, एडिटर समेत 12 की मौत

फ्रांस के पेरिस में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने व्यंग्य-पत्रिका 'चार्ली एब्दो' के दफ्तर पर हमला बोल दिया. हमले में कम से कम 12 लोगों के मरने की खबर है, वहीं 6 गंभीर रूप से घायल हैं. पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में 9 पत्रकार और 2 पुलिसकर्मी शामिल हैं.

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Paris attack
Paris attack

फ्रांस के पेरिस में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने व्यंग्य-पत्रिका 'चार्ली एब्दो' के दफ्तर पर हमला बोल दिया. हमले में कम से कम 12 लोगों के मरने की खबर है, वहीं 6 गंभीर रूप से घायल हैं. पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में 9 पत्रकार और 2 पुलिसकर्मी शामिल हैं. पत्रिका के संपादक स्टीफन चारबोनियर की भी हमले में मौत हो गई है.

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हमले के बाद फ्रांस में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. दिल्ली में भी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

कार्टूनिस्ट कोरीन रे उर्फ 'कोको' उन लोगों में से हैं जिन्होंने बिल्डिंग के भीतर छिपकर अपनी जान बचाई. उन्होंने दावा किया कि हमलावर सधी हुई फ्रेंच भाषा बोल रहे थे और खुद को अलकायदा का बता रहे थे. उन्होंने बताया, 'हमला पांच मिनट तक चला. उन्होंने वोलिंस्की और काबू को गोली मार दी. मैं एक डेस्क के नीचे छिप गया. वे परफेक्ट फ्रेंच बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि वे अलकायदा से हैं.'

हमलावरों ने लगाए नारे!
बताया जा रहा है कि हमलावर मैगजीन में छपे पैगंबर मुहम्मद के कार्टून से नाराज थे. पत्रिका काफी समय अपने कथित 'इस्लाम विरोधी' कंटेंट की वजह से कट्टरपंथियों के निशाने पर थी. इसने हाल ही में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी का कार्टून भी ट्विटर पर शेयर किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि घटनास्थल पर हमलावरों ने 'हमने पैगबंर का बदला ले लिया' जैसे नारे लगाए.

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जांच कार्य से करीबी रूप से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ऑटोमैटिक राइफल क्लाशनिकोव और एक रॉकेट लॉन्चर लिए दो लोगों ने मध्य पेरिस स्थित इमारत पर धावा बोल दिया. सूत्र ने बताया कि बंदूकधारियों ने एक कार पर कब्जा किया और एक राहगीर से इसे तेजी से चलाने को कहा.

PM मोदी बोले, 'हम फ्रांस के साथ'
फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसे 'आतंकी हमला' बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कोई भी बर्बर हमला प्रेस की आजादी को खत्म नहीं कर सकता. हम हमले के खिलाफ एकजुट हैं.' भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि भारत फ्रांस के लोगों के साथ है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी हमले की कड़ी निंदा की.

मूल रूप से पत्रिका का नहीं था कार्टून
पत्रिका फरवरी 2006 में पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छापने को लेकर चर्चा में आई थी, जिसे इस्लाम में ईशनिंदा माना जाता है. हालांकि, यह कार्टून मूल रूप से डैनिश अखबार 'जेलैंड्स पोस्टन' में छपा था जिसे पत्रिका ने दोबारा प्रकाशित किया. इस कार्टून को लेकर कट्टरपंथियों में गुस्सा था. जब इसने पैगंबर का कार्टून 'शरिया हैबदो' शीर्षक के तहत छापा था, इसके दफ्तरों पर नवंबर 2011 में गोलीबारी भी हुई थी और बम फेंके गए थे. नस्लवाद रोधी कानूनों को लेकर अदालत ले जाए जाने के बावजूद पत्रिका ने पैगंबर के कार्टून प्रकाशित करना जारी रखा था.

सितंबर 2012 में 'चार्ली हेब्दो' ने पैगंबर के कार्टून प्रकाशित किए, वहीं 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' नाम से एक कम बजट की फिल्म आने पर कई देशों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. यह फिल्म अमेरिका में बनी थी और इसमें पैगंबर का अपमान किया गया था. मुस्लिम देशों में फ्रांसीसी स्कूल, वाणिज्य दूतावास और सांस्कृतिक केंद्र जवाबी हमले की आशंका के मद्देनजर संक्षिप्त अवधि के लिए बंद कर दिए गए हैं.

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