लग्जरी लाइफस्टाइल, अरबों रुपए का करोबार और दक्षिण अफ्रीका की सियासत में दखल. लेकिन इसके बाद भी गुप्ता ब्रदर्स को भागकर पहले दुबई और फिर दुबई से वानुआतू आईलैंड फरार होना पड़ा. इस छोटे से आइलैंड पर तीनों छिपकर रह रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका की सरकार उन्हें अपने देश में लाने की कोशिशों में लगी हुई है.
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से परिवार से निकलकर दक्षिण अफ्रीका में अपना साम्राज्य खड़ा करने वाले गुप्ता ब्रदर्स की कहानी कम रोचक नहीं है. राजेश गुप्ता, अतुल गुप्ता और अजय गुप्ता, तीनों ही 1993 में सहारनपुर से दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे. वहां उन्होंने एक शू स्टोर से अपने कारोबार की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे उनका बिजनेस चल निकला. इसके बाद गुप्ता बंधुओं ने सहारा कंप्यूटर्स नामक कंपनी बनाई. इसके बाद तीनों भाइयों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आईटी से लेकर मीडिया, माइनिंग और रियल एस्टेट तक गुप्ता बंधुओं की धाक जम गई.
इन तीनों भाइयों के अब वानुआतू आइलैंड की नागरिकता हासिल करने की जानकारी सामने आ रही है. इन खबरों के बीच दक्षिण अफ्रीका की सरकार का बयान सामने आया है. अफ्रीकी सरकार का कहना है कि राजेश और अतुल गुप्ता अब भी उनके देश का पासपोर्ट इस्तेमाल कर रहे हैं. यानी दोनों ही दक्षिण अफ्रीका के नागरिक है.
वानुआतू दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक आइलैंड देश है. यह द्वीप उत्तर ऑस्ट्रेलिया से 1,750 किलोमीटर पूर्व, न्यू कैलेडोनिया से 500 किलोमीटर पूर्वोत्तर में, न्यू गिनी के निकट लोसोमन द्विपों के दक्षिण-पूर्व और फिजी के पश्चिम में स्थित है.
अफ्रीकी सरकार को लगा झटका
बता दें कि तीनों भाई जब फरार हो कर UAE पहुंचे थे. तो दक्षिण अफ्रीक की सरकार ने UAE से उन्हें प्रत्यर्पित करने की अपील की थी. लेकिन यूएई ने दक्षिण अफ्रीका का ये अनुरोध ठुकरा दिया था. यूएई के अनुरोध अस्वीकार करने से दक्षिण अफ्रीका को बड़ा झटका लगा था.
...और UAE भाग गए गुप्ता ब्रदर्स
गुप्ता ब्रदर्स पर आरोप है कि उन्होंने अपने फायदे के लिए पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से अपनी निकटता का इस्तेमाल किया. 5 साल पहले जैकब जुमा के सरकार से हटने और गिरफ्तार होने के बाद गुप्ता ब्रदर्स परिवार के साथ यूएई भाग गए थे. दक्षिण अफ्रीका के गृह मामलों के मंत्री हारून मोत्सोलेदी ने कहा कि गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीकी पासपोर्ट का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें यह स्पष्ट तौर पर नहीं पता है कि तीनों भाई इस समय कहां पर हैं.
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पिता का सहारनपुर में था बिजनेस
तीनों भाइयों के पिता शिवकुमार गुप्ता सहारनपुर में मसालों के जाने-माने कारोबारी थे. वह सहारनपुर के रानीबाजार स्थित रायवाला मार्केट में कभी राशन की दुकान चलाया करते थे. दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधुओं का बिजनेस इस कदर सफल हुआ कि साल 2016 में अतुल गुप्ता की नेटवर्थ 773.47 मिलियन डॉलर पहुंच गई और वह दक्षिण अफ्रीका के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए.
महलनुमा बंगला रहा चर्चा में
तीनों भाइयों ने वहां कई कंपनियां खड़ी कीं. गोल्ड से लेकर यूरेनियम की माइनिंग के क्षेत्र में उनकी तीन कंपनियां ओकबे रिसॉर्सेज एंड एनर्जी, शिवा यूरेनियम माइन और टेगेटा एक्सप्लोरेशन एंड रिसॉर्सेज काम कर रही थीं. इनके अलावा उनके पास वेस्टडॉन इन्वेस्टमेंट, ब्लैक एज एक्सप्लोरेशन, वीआर लेजर सर्विसेज, टीएनए मीडिया, इनफिनिटी मीडिया जैसी कंपनियां भी थीं. रियल एस्टेट में भी तीनों भाइयों का जलवा था. खासकर राजधानी जोहान्सबर्ग में स्थित उनका महलनुमा बंगला खूब चर्चा बटोरता रहा है.
2013 में सामने आया गुप्तागेट
गुप्ता ब्रदर्स का विवादों से नाता नया नहीं है. गुप्ता परिवार पहली बार विवादों में घिरा अप्रैल 2013 में, जब परिवार के एक शादी समारोह में भारत से गए गेस्ट का विमान दक्षिण अफ्रीका की वायुसेना के बेस पर उतरा था. इस स्पेशल ट्रीटमेंट को लेकर खूब हंगामा हुआ और राजनीतिक हलकों में इसकी आलोचना हुई. बाद में इसे लेकर गुप्ता परिवार ने माफी मांगी थी और कहा था कि वे दक्षिण अफ्रीका में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते थे. यह घटना गुप्तागेट नाम से चर्चित हुई थी.
जैकब जुमा को गंवानी पड़ी कुर्सी
गुप्ता बंधुओं का बुरा समय साल 2016 में उस समय शुरू हुआ, जब तत्कालीन उप वित्त मंत्री मसोबिसि जोनास ने आरोप लगाया कि गुप्ता बंधुओं ने उन्हें वित्त मंत्री बनवाने का वादा किया था. इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर आरोप लगा कि उन्होंने जैकब जुमा के साथ संबंधों का इस्तेमाल कर न सिर्फ गलत तरीके से कारोबार को बढ़ाया बल्कि राजनीति में भी दखल देने लगे. विवाद इस कदर बढ़ गया कि दक्षिण अफ्रीका में कभी बहुत लोकप्रिय रहे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इन भाइयों की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई.