खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर भारत से लेकर अमेरिका तक सरगर्मी बढ़ गई है. इस बीच खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुफिया एजेंसी के चीफ को भारत भेजा था.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ऐसे समय भारत आए थे. ये खबर ऐसे समय सामने आई है, जब अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की कथित साजिश में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया है.
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने न्यूयॉर्क की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक अभियोग दायर किया है. इसमें निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक और अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी पर पन्नू की हत्या करने की प्लानिंग करने का आरोप लगाया गया है.
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने बाइडेन सरकार के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सीआईए डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने अगस्त की शुरुआत में भारत का दौरा किया था. उस समय उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ रवि सिन्हा से भी मुलाकात की थी. इस दौरान बर्न्स ने रॉ चीफ से कहा था कि भारत को इस पूरी साजिश की जांच करने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि भारत को आश्वसान देना चाहिए कि ऐसा दोबारा नहीं होगा.
बताया जा रहा है कि अमेरिकी सरजमीं पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश का मामला जुलाई 2023 में ही सामने आ गया था. इसके बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों से मामले की जांच करने को कहा था.
एक अमेरिकी अधिकारी का दावा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सितंबर में जब G20 समिट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे, तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाया था.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस घटना के बाद अमेरिका की ओर से राजनयिक स्तर पर इस मुद्दे का समाधान करने की कोशिशें भी तेज हो गई थीं. नवंबर में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का भारत दौरा भी इसी का हिस्सा थी.
हफ्तेभर पहले ही ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में अमेरिकी सरजमीं पर खालिस्तानी आतंकी पन्नू की कथित हत्या की साजिश को नाकाम करने का दावा किया था. इसके बाद इसी हफ्ते न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भी एक अभियोग दायर किया गया है.
अभियोग के मुताबिक, एक भारतीय सरकारी अधिकारी ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या के लिए हायर किया था. इसमें सरकारी अधिकारी का नाम नहीं लिया गया है. इसे CC-1 नाम दिया गया है.
अभियोग के मुताबिक, इसी साल मई में CC-1 ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या की साजिश रचने का निर्देश दिया था. इसके बाद गुप्ता ने एक किलर की तलाश शुरू की. इस दौरान गुप्ता की मुलाकात एक शख्स से हुई. इस शख्स ने गुप्ता को एक हिटमैन (सुपारी किलर) से मिलवाया. लेकिन असल में ये दोनों ही अमेरिकी सरकार के लिए काम करने वाले खुफिया सोर्स थे.
अमेरिकी अदालत में दायर अभियोग में पन्नू का नाम भी नहीं लिया गया है. बस इतना कहा गया है कि एक अमेरिकी नागरिक, वकील और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट की हत्या की साजिश भारत से रची जा रही थी.
अमेरिका के इन आरोपों को भारत ने 'मैटर ऑफ कंसर्न' यानी चिंता का विषय बताया है. और कहा है कि एक हाईलेवल कमेटी इस मामले की जांच करेगी.