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ज्ञानवापी परिसर में पूजा का अधिकार मिलने पर क्या सोचते हैं अमेरिका में बसे हिंदू?

विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका ने जारी बयान में कहा कि विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका अदालत के इस फैसले की सराहना करती है. इस ऐतिहासिक फैसले से हिंदुओं को वो अधिकार मिलेगा, जो उनसे नवंबर 1993 में छीन लिया गया था.

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ज्ञानवापी केस
ज्ञानवापी केस

वाराणसी की एक अदालत ने हाल ही में ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दिया. इस फैसले पर अब अमेरिका के हिंदू संगठन ने खुशी जताई है. विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका (VHPA) ने बयान जारी कर वाराणसी कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. 

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संगठन ने जारी बयान में कहा कि विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका अदालत के इस फैसले की सराहना करती है. इस ऐतिहासिक फैसले से हिंदुओं को वो अधिकार मिलेगा, जो उनसे नवंबर 1993 में छीन लिया गया था.

बता दें कि वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में बुधवार रात पूजा की गई. पूजा से आठ घंटे पहले ही अदालत ने इसकी मंजूरी दी थी. हालांकि मस्जिद कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के फैसले पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है.

संगठन ने बयान में कहा कि यह मामला जमीन विवाद का है और यह किसी अल्पसंख्यक समूह से संघर्ष का मुद्दा नहीं है. हिंदू पक्ष द्वारा जो सबूत पेश किए, उनके आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है, जो न्याय के सिद्धांतों के मुताबिक है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अपने सर्वे में कई ऐसे तथ्यों का खुलासा किया, जिनसे पता चलता है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक हिंदू मंदिर को तबाह करके बनाई गई है. विश्व हिंदू परिषद अमेरिका कोर्ट के फैसले की तारीफ करती है, जिसने सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया है. 

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बता दें कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास तहखाना में पूजा पाठ करने के अधिकार देने की मांग वाली शैलेंद्र कुमार पाठक की याचिका पर सुनवाई के बाद जिला जज ने आदेश सुरक्षित कर लिया था. जिसपर बुधवार को फैसला आया था.

मालूम हो कि 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था. ASI सर्वे के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी. अब जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों से पूजा कराई जाए. बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाए. ये सब 7 दिन के अंदर किया जाए. 

आदेश के मुताबिक, जो व्यास जी का तहखाना है, अब उसके कस्टोडियन वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट हो गए हैं. इसीलिए विश्वनाथ मंदिर के जो पुजारी हैं वह उस तहखाने की साफ-सफाई करवाएंगे. वहां जो बैरिकेडिंग लगी हुई है, उस बैरिकेडिंग को हटाएंगे और फिर तहखाने के अंदर नियमित रूप से पूजा होगी. बता दें कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी.

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