अमेरिका में जाकर नौकरी का सपना देखने वाले भारतीयों के लिए H-1B वीजा एंट्री पास है. लेकिन सपनों को उड़ान देने वाला यह वीजा काफी महंगा पड़ता है. भारतीयों के लिए H-1B की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है जिसमें नियोक्ता कंपनी का आकार और प्रीमियम प्रोसेसिंग का चयन शामिल है. H-1B वीजा में 1.7 लाख से लेकर 6 लाख रुपये तक लग जाते हैं. कैसे? आइए जानते हैं-
एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने की लागत 2,010 अमेरिकी डॉलर (1,67,830 रुपये) से लेकर 7,380 अमेरिकी डॉलर (6,13,140 रुपये) तक हो सकती है.
एक सामान्य H-1B याचिका के लिए, आधार दाखिल शुल्क 460 डॉलर (38,230 रुपये) है, जो सभी आवेदकों पर लागू होता है. वीजा के लिए आवेदन करते समय यह शुल्क सबसे पहले लगता है. हालांकि, NNU इमिग्रेशन के अनुसार, नई याचिकाओं या वीजा की स्थिति में बदलाव के लिए अतिरिक्त शुल्क लागू होते हैं.
H-1B वीजा प्रोग्राम अमेरिका में विदेशियों के लिए सबसे बड़ा अस्थायी वर्क वीजा है जो वहां की कंपनियों और एम्पलॉयर्स को कौशल और क्षमता के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की इजाजत देता है. इस प्रोग्राम में भारतीयों का वर्चस्व है. अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच जारी कुल H-1B वीजा का 72% भारतीयों ने हासिल किया है. इसके बाद चीनी नागरिकों का स्थान है जिन्हें 12% H-1B वीजा मिला.
2025 के लिए कब से शुरू हो रहा आवेदन?
H-1B वीजा कैप लॉटरी के लिए पंजीकरण 7 मार्च, 2025 को शुरू होगा और 24 मार्च, 2025 तक चलेगा. यह वीजा 1 अक्टूबर 2025 को शुरू होने वाले रोजगार चक्र के लिए है जो अगले तीन सालों तक चलेगा. अमेरिका में रहते हुए H-1B वीजा की अवधि को छह साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है.
यह अलग बात है कि अधिकांश H-1B वीजा धारक अमेरिका में पहुंचने के बाद, ग्रीन कार्ड की कतार में शामिल होने और लंबे समय तक वहां रहने के लिए I-140 याचिका का इस्तेमाल करते हैं.
H-1B वीजा के लॉटरी सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाने के लिए इसमें कई संशोधन किए गए हैं जिसमें रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी और शीर्ष-स्तरीय चयन शामिल है.
H-1B वीजा के लिए अनिवार्य लागतें
H-1B वीजा के लिए अनिवार्य लागतों में से एक है धोखाधड़ी-रोधी शुल्क जो 500 अमेरिकी डॉलर (41,500 रुपये) के बराबर है. अगर आप पहली बार H-1B वीजा के लिए अप्लाई कर रहे हैं या स्थिति में बदलाव के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपको यह शु्ल्क अनिवार्य रूप से देना होगा. लेकिन अगर आप H-1B एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपको यह शुल्क नहीं देना होगा.
H-1B वीजा पाने के लिए American Competitiveness and Workforce Improvement Act (ACWIA) शुल्क भी देना पड़ता है जिसका मकसद अमेरिका में वर्कफोर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम का समर्थन करना है. यह शुल्क कंपनी या एम्पलॉयर के आकार पर निर्भर करता है जिसमें आपको 750 अमेरिकी डॉलर (62,250 रुपये) से लेकर 1,500 अमेरिकी डॉलर (1,24,500 रुपये) तक देना पड़ सकता है.
इंडियाना विश्वविद्यालय की एक स्टडी के अनुसार, 25 से कम कर्मचारियों वाले एम्पलॉयर को 750 अमेरिकी डॉलर (62,250 रुपये) का न्यूनतम शुल्क देना होगा, जबकि 25 या अधिक कर्मचारियों वाले एम्पलॉयर को 1,500 अमेरिकी डॉलर (1,24,500 रुपये) का शुल्क देना होगा.
कुछ मामलों में, अगर किसी कंपनी में 50 से ज्यादा कर्मचारी हैं और इनमें से आधे से ज्यादा कर्मचारी अगर H-1B या L-1 वीजा पर हैं तो ऐसी कंपनियों पर 600 डॉलर (49,800 रुपये) का असाइलम प्रोग्राम शुल्क लागू होता है. इस शुल्क का उद्देश्य अमेरिकी शरण कार्यक्रम का समर्थन करना है.
जल्दी चाहिए एच-1बी वीजा तो खर्च करने होंगे 2 लाख रुपये
अगर एम्पलॉयर वीजा आवेदन प्रक्रिया में तेजी लाना चाहता है तो उसे 2,500 अमेरिकी डॉलर (2,07,500 रुपये) का प्रीमियम प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा. इस आवेदन के बाद 15 दिनों के अंदर वीजा मिल जाता है. यह उन आवेदकों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें जल्दी वीजा चाहिए.
इसके अलावा, वार्षिक पंजीकरण अवधि के दौरान 215 अमेरिकी डॉलर (17,895 रुपये) का H-1B पंजीकरण शुल्क देना पड़ता है. यह शुल्क हर रजिस्ट्रेशन के लिए भुगतान किया जाता है, भले ही वीजा याचिका लॉटरी में चुनी गई हो या न हो.
कुल मिलाकर, एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने की लागत वीजा के आवेदक और एम्पलॉयर की विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर लगभग 2,010 डॉलर (1,67,830 रुपये) से लेकर 7,380 डॉलर (6,13,140 रुपये) तक हो सकती है.
एच-1बी वीजा के अलावा, भारतीयों के लिए एल-1 वीजा की लागत आम तौर पर 2,190 अमेरिकी डॉलर (1,82,770 रुपये) से लेकर 7,600 अमेरिकी डॉलर (6,32,800 रुपये) तक होती है. यह एम्पलॉयर के आकार और एप्लीकेशन प्रकार पर निर्भर करता है.
छात्र वीजा (F-1) के लिए, लागत आम तौर पर 510 डॉलर (42,330 रुपये) से लेकर 1,000 डॉलर (83,000 रुपये) तक होती है, जिसमें आवेदन और एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVIS) शुल्क शामिल होते हैं.