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गिरफ्तारी सिर्फ दिखावा? जेल के लिए कड़ी सुरक्षा में ठाठ से निकला हाफिज सईद

अब पाकिस्तान की इससे पीछे मंशा क्या है ये तो साफ नहीं हुआ लेकिन उसके इतिहास को देखें तो ये एक दिखावा ही है. अब इस बार जो गिरफ्तारी की तस्वीर सामने आई है, वो भी कुछ ऐसी ही है.

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Hafiz Saeed arrest
Hafiz Saeed arrest

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दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी और मुंबई हमले का गुनहगार हाफिज सईद अब सलाखों के पीछे है. बुधवार को पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म टीम ने जमात-उद-दावा के इस प्रमुख को गुजरांवाला जाने से पहले गिरफ्तार कर लिया. अब पाकिस्तान की इससे पीछे मंशा क्या है ये तो साफ नहीं हुआ लेकिन उसके इतिहास को देखें तो ये एक दिखावा ही है. अब इस बार जो गिरफ्तारी की तस्वीर सामने आई है, वो भी कुछ ऐसी ही है. क्योंकि उसे घर से इस तरह ले जाया जा रहा है जैसे कि उसे बचाकर कहीं ले जा रहे हों.

बुधवार को गिरफ्तारी के बाद हाफिज सईद के जो विजुअल सबसे पहले सामने आए, उनमें उसके घर से कड़ी सुरक्षा में ले जाया जा रहा था. पाकिस्तानी खबरों की मानें तो उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है. जब उसे निकाला गया तो उसके आसपास गार्ड मौजूद थे, उसका स्टाफ भी साथ ही चल रहा था और हाफिज सईद खुद भी ठाठ के साथ आगे बढ़ता नज़र आया.

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गौरतलब है कि इससे पहले भी पाकिस्तान ने दुनिया के दबाव में आकर हाफिज सईद को कई बार नजरबंद किया है. लेकिन हर बार कुछ ही दिनों में वह छूट भी जाता है. हालांकि, इस बार सिर्फ इतना ही अलग है कि वो नजरबंद या हाउस अरेस्ट नहीं बल्कि जेल के अंदर है. हैरान करने वाली बात ये भी है कि हाफिज की ये गिरफ्तारी मुंबई हमले नहीं बल्कि किसी अन्य टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है.

दरअसल, पाकिस्तान की इस हरकत के पीछे कुछ कारण भी छिपे हैं. क्योंकि कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अमेरिका दौरे पर जाना है. जहां पर वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे.

इमरान खान का ये पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद ये पहला अमेरिकी दौरा होगा. इसके अलावा पाकिस्तान के ऊपर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का दबाव है. क्योंकि अगर वह आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करता है तो उसे मिलने वाली आर्थिक मदद बंद हो सकती है.

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