लश्कर ए तैयबा प्रमुख और मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद ने कहा है कि वह पाकिस्तान में ‘आम आदमी’ की तरह आवाजाही करते हैं और उनकी किस्मत अमेरिका के हाथों में नहीं है.
‘न्यूयार्क टाइम्स’ को दिये एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘मैं आम आदमी की तरह घूमता हूं. यही मेरी शैली है.’ लाहौर में एक परिसर में रहने वाले 64 वर्षीय सईद ने कहा, ‘मेरी किस्मत खुदा के हाथों में है, अमेरिका के हाथों में नहीं.’
सर्दइ के इस परिसर में उनका मजबूत घर, कार्यालय और एक मस्जिद है. ‘न्यूयार्क टाइम्स’ की खबर में कहा गया कि सईद की रक्षा उनके दरवाजों के बाहर खड़े उनके समर्थक ही नहीं बल्कि पाकिस्तान सरकार भी करती है.
सईद ने कहा कि वह ‘गलतफहमी’ दूर करने के लिए पश्चिमी मीडिया से बात कर रहे हैं. लश्कर ए तैयबा के प्रमुख ने दावा किया कि पाकिस्तानी अदालतों द्वारा उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है.
सईद ने कहा, ‘अमेरिका हमारी न्यायिक प्रणाली का सम्मान क्यों नहीं करता?’ उन्होंने कहा कि वह अमेरिकियों के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने वर्ष 1994 की अमेरिका की अपनी यात्रा को याद किया जब उन्होंने हयूस्टन, शिकागो और बोस्टन में इस्लामी केन्द्रों पर बात की थी.
खबर में कहा गया कि पश्चिमी खुफिया अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी पाकिस्तान में लश्कर के प्रशिक्षण केन्द्र अब भी बंद नहीं हुए हैं. इन केन्द्रों में लश्कर ए तैयबा के सदस्य और मुंबई आतंकी हमलों में भूमिका निभाने वाले डेविड हेडली ने प्रशिक्षण लिया था. इस मामले में हेडली को शिकागो की एक अदालत ने 35 साल के कारावास की सजा सुनाई है.