हमास को गाजा पट्टी से बंधकों को रिहा करना चाहिए और सत्ता छोड़कर कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो इजरायल गाजा पर नियंत्रण करेगा. यह बयान इजरायल के भारत में राजदूत रूवेन आजर ने बुधवार को इंडिया टुडे से हुई बातचीत में दिया.
राजदूत का ये बयान इजरायल द्वारा गाजा पर भारी हवाई हमले करने के बाद आया है, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए. ये हमले पिछले दो महीनों में सबसे घातक थे, जिसने जनवरी में शुरू हुए लगभग दो महीने पुराने युद्धविराम को समाप्त कर दिया. इजरायल ने हामास को युद्धविराम के विस्तार के प्रस्तावों को नकारने का दोषी ठहराया.
क्या बोले इजरायल के राजदूत
आजर ने कहा कि इजरायल हमास से शेष बंधकों की रिहाई का "काफी समय से इंतजार" कर रहा था. उन्होंने युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक समाधान प्राप्त करने के लिए फिलिस्तीनी समूह पर सैन्य दबाव को सही ठहराया.
उन्होंने कहा, "हम उस स्थिति को जारी नहीं रख सकते, जिसमें वे हमारे बंधकों को पकड़े हुए हैं और उन्हें रिहा नहीं कर रहे. हमने सैन्य दबाव बढ़ाने का फैसला किया ताकि हम अपने बंधकों को वापस ला सकें और इस संघर्ष का कूटनीतिक समाधान ढूंढ सकें."
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उन्होंने कहा कि अब हमास के दो विकल्प हैं- अगर वे कूटनीति के साथ सहयोग नहीं करते और बंधकों को रिहा नहीं करते तो हमें वहां जाना होगा, उस क्षेत्र पर कब्जा करना होगा और मानवीय सहायता का जिम्मा खुद लेना होगा.
राजदूत ने यह भी कहा कि इजरायल गाजा के लोगों को मदद देने के लिए तैयार है. जब उनसे पूछा गया कि क्या इजरायल गाजा पट्टी में एक बड़ा बफर क्षेत्र बना रहा है या लोगों से पूरी तरह से गाजा छोड़ने के लिए कह रहा है तो आजर ने इसे नकार दिया.
उन्होंने कहा कि इजरायल फिलिस्तीनियों से गाजा छोड़ने के लिए नहीं कह रहा है. जो हम कर रहे हैं, वह यह है कि अगर हमास अमेरिकी प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करता, तो हम उस क्षेत्र पर कब्जा कर लेंगे. हम गाजा पट्टी को साफ करेंगे.