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बंकर में हिज्बुल्लाह की सीक्रेट मीटिंग, इजरायली स्ट्राइक और काम तमाम! ऐसे मारा गया नसरल्लाह का वारिस सफीद्दीन

जिस समय इजरायल ने यह भीषण हवाई हमला किया उस समय सफीद्दीन अपने वरिष्ठ हिज़्बुल्लाह नेताओं के साथ एक अंडरग्राउंड बंकर में बैठक रहा था. यह इजरायली हमला पूर्व हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मारने वाले हमले से कहीं अधिक भीषण था.

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इजरायल ने अब हाशिम सफीद्दीन को बनाया निशाना
इजरायल ने अब हाशिम सफीद्दीन को बनाया निशाना

इजरायल हिजबुल्लाह के ठिकानों को चुन-चुनकर तबाह कर रहा है. इस बीच इजरायली मीडिया ने हसन नसरल्लाह को मार गिराए जाने के बाद अब उसके उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन को मार गिराने का दावा किया है. येरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बेरूत में हाशिम सफीद्दीन को निशाना बनाया गया.

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तीन इजरायली अधिकारियों के अनुसार, इज़रायली लड़ाकू विमानों ने गुरुवार को आधी रात के आसपास भीषण हवाई हमलों की बौछार कर दी. इन हमलों का मकसद मृतक हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के ममेरे भाई और संभावित उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन को निशाना बनाना था.

बंकर में बैठक रहा था सफीद्दीन

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, यह इजरायली हमला नसरल्लाह को मारने वाले हमले से कहीं ज़्यादा बड़ा था और इस दौरान बंकर पूरी तरह तबाह हो गया. यह हमला बेरूत के दहिह उपनगर में हाशिम सफीदीन को निशाना बनाकर किया गया था. हमला उस समय किया गया जब सफीद्दीन एक अंडरग्राउंड बंकर में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीक्रेट मीटिंग कर रहा था.

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इजरायल द्वारा नसरल्लाह को मारे जाने के बाद से यह इस क्षेत्र में की गई सबसे भीषण बमबारी में से एक थी. हालांकि, इसे लेकर इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) या लेबनान में हिजबुल्लाह की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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कौन है सफीद्दीन
1960 के दशक की शुरुआत में दक्षिणी लेबनान में जन्मा सफीद्दीन हिजबुल्लाह के शुरुआती सदस्यों में से एक है. लेबनान के लंबे गृहयुद्ध के दौरान सफीद्दीन ईरानी मार्गदर्शन में 1980 के दशक में हिज्बुल्लाह से जुड़ गया. वह नसरल्लाह का करीबी था जिसने संगठन में कई भूमिकाएं निभाईं. एक राजनीतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नेता के रूप में काम करने के साथ-साथ उसने हिज्बुल्लाह की सैन्य गतिविधियों का भी जिम्मा संभाला था. 

नसरल्लाह की तरह सफीद्दीन भी आमतौर पर काली पगड़ी में दिखाई देता है, जिसका मतलब एक सम्मानित शिया मौलवी होता है. हाशिम खुद को पैगम्बर मोहम्मद का वंशज बताता है , 1995 में सफीद्दीन को हिज़्बुल्लाह की सर्वोच्च परिषद, इसकी शासी सलाहकार सभा में पदोन्नत किया गया और इसके तुरंत बाद उन्हें समूह की जिहादी परिषद का प्रमुख नियुक्त किया गया. जिहादी परिषद हिज्बुल्लाह की सैन्य गतिविधियों को नियंत्रित करती है.

महज तीन साल बाद, यानि 1998 में सफीद्दीन को पार्टी की कार्यकारी परिषद का नेतृत्व करने के लिए चुना गया, यह एक ऐसा पद था जिसे नसरल्लाह ने दो बार संभाला था.नसरल्लाह की तरह, उसने ईरान में पढ़ाई-लिखाई की. सफीद्दीन ने हिज्बुल्लाह के लिए काम करने के लिए लेबनान लौटने से पहले ईरानी शहर कोम में अपने धार्मिक अध्ययन के दौरान तेहरान के साथ मज़बूत संबंध बनाए.

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बेटे की शादी रही थी चर्चित
इतना ही नहीं वह  वह  ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के प्रमुख रहे मेजर जनरल कासिम सुलेमानी का करीबी दोस्त भी रहा.  सुलेमानी को अमेरिका ने 2020 में हवाई हमले के दौरान बगदाद में मार गिराया था. सफीद्दीन के बेटे रेजा हाशिम सफीद्दीन ने ईरानी जनरल की बेटी ज़ैनब सुलेमानी से शादी की थी. इस शादी को कुछ विश्लेषकों और आलोचकों ने हिज़्बुल्लाह में ईरान की पैठ के प्रतीक के रूप में देखा. 

हाशिम सफीद्दीन को 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था. क्योंकि इसने इजरायल के खिलाफ बड़ी जंग तब शुरू की थी, जब इजरायल ने हिज्बुल्लाह के सीनियर कमांडर को मार दिया था. तब इसने अपने लड़ाकों से कहा था कि दुश्मनों को रोने के लिए मजबूर कर दो.

सफीद्दीन को हमेशा से ही नसरल्लाह का संभावित उत्तराधिकारी माना जाता रहा है, इस भूमिका के बारे में अटकलें 2006 से तेज हो गई हैं, जब ईरान ने कथित तौर पर उसे संगठन के संभावित भावी नेता के रूप में पदोन्नत किया था.वह हिजबुल्लाह की सर्वोच्च सलाहकार संस्था शूरा परिषद में सेवारत छह मौलवियों में से एक है. उसे 2001 में कार्यकारी परिषद का प्रमुख चुना गया था.

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