scorecardresearch
 

अफगानिस्तान सरकार के मीडिया प्रमुख दावा खान की तालिबानियों ने की हत्या

अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान मिनापाल की शुक्रवार को हत्या कर दी गई. तालिबानियों ने उनकी हत्या की थी. दावा खान, राष्ट्रपति के भी प्रवक्ता रह चुके हैं.

Advertisement
X
अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान. (फाइल फोटो)
अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान का अफगानिस्तान में बढ़ रहा आतंक
  • सरकारी अधिकारियों को आतंकी बना रहे निशाना
  • सूचना अधिकारी थे दावा खान, तालिबानियों ने मारा

अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक पांव पसारता जा रहा है. तालिबान आतंकियों ने शुक्रवार को अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान मीनापाल की हत्या कर दी. दावा खान मिनापाल सरकारी मीडिया और सूचना केंद्र (जीएमआईसी) के प्रमुख थे.

Advertisement

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दावा खान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की आउटरीच टीम में प्रवक्ता के रूप में भी काम किया था. मंगलवार को मैदान वरदाक प्रांत के सैयद अबाद जिले के जिला गवर्नर की भी तालिबान लड़ाकों ने काबुल में हत्या कर दी थी.

अफगानिस्तान में तालिबान का कहर बढ़ता जा रहा है. तालिबानी आतंकी लगातार सरकार, सरकारी अधिकारियों और सरकार समर्थकों को निशाना बना रहा हैं, उनकी हत्याएं कर रहे हैं. अमेरिका के अफगानिस्तान से पांव खींचने के बाद एक बार फिर, यह देश तालिबान के कब्जे में आता दिख रहा है.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत से मांगी आपात मदद

अमेरिका सेना के हटने से तालिबान में तालिबानियों के हौसले बुलंद

दरअसल अफगानिस्तान में 20 साल बाद अमेरिका ने अपने पांव वापस खींच लिए थे. अफगानिस्तान में तालिबानी अब लगातार सरकार के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. तालिबान का कब्जा अफगानिस्तान के कई शहरों पर है. 

वहीं पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को जोड़ने वाले हेरात, फरहा, कंधार, कुंदुज, तखकर और बदख्शां जैसे प्रातों में कई हाईवे और बॉर्डर पोस्ट पर तालिबानियों का कब्जा है. तालिबानी अफगानिस्तान में समानांतर सरकार भी चला रहे हैं.

Advertisement

रूस की अफगानिस्तान पर है नजर

भारत अफगानिस्तान में शांति चाहता है. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से आपातकालीन मदद मांगी थी. भारत की नजर अफगानिस्तान पर बनी हुई है. वहीं रूस द्वारा बुलाई गई अफगानिस्तान पर एक महत्वपूर्ण बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया है. 11 अगस्त को कतर में होने वाली इस बैठक में अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के शामिल होने की उम्मीद है.

Live TV

 

Advertisement
Advertisement