ब्रिटेन में टेम्स नदी के किनारे बसे लोगों की समस्या और बढ़ सकती है क्योंकि यहां विनाशकारी तूफान के बाद बाढ़ आने की आशंका है. तूफान के कारण जानमाल का व्यापक नुकसान हुआ और बिजली भी ठप हो गई है.
आयरलैंड, ब्रिटेन और इंग्लिश चैनल में शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ हुई भीषण बारिश के दौरान अलग अलग घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. तूफान के कारण बिजली की लाइनें ठप हो गईं और परिवहन नेटवर्क बाधित हो गया. ब्रिटेन में पहले ही लोग बाढ़ से परेशान हैं और तूफान ने उनकी मुश्किल बढ़ा दी. देश के कुछ हिस्से को 250 साल में सर्वाधिक बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है.
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी थी कि समस्या अभी खत्म नहीं हुई है. कैमरन ने टेम्स नदी के किनारे बसे चेस्र्टे गांव और लंदन के पश्चिमी हिस्से में जा कर बाढ़ प्रभावितों के लिए सेना द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्य का जायजा लिया था. कैमरन ने कहा था अगले 24 घंटे में हम जो करेंगे वह महत्वपूर्ण है क्योंकि नदी का जल स्तर एक बार फिर बढ़ने लगेगा. इसलिए भेजा गया रेत का प्रत्येक बोरा, हर मकान को मदद, बाढ़ रोकने के लिए लगाया गया हर अवरोधक बड़ा असर डाल सकता है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बाढ़ राहत कार्य में सेना के 3,000 से अधिक जवान लगे हैं. लेकिन आपदा के दौरान बचाव एवं राहत कार्य की गति कथित तौर पर धीमी होने को लेकर सरकार की आलोचना भी हो रही है. टेम्स नदी के तट पर कल रात बाढ़ के 14 अलर्ट जारी किए गए. दो अलर्ट इंग्लैंड के दक्षिण पश्चिम में जारी किए गए जहां दो माह से भारी बारिश की वजह से तबाही मची है.
इस बीच, एक समाचार पत्र में प्रकाशित साक्षात्कार में विपक्ष के नेता एड मिलिबैंड ने खराब मौसम का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया और सरकार के मंत्रियों से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि की समस्या का हल राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की तरह खोजने का आग्रह किया है. पिछले माह कैमरन ने कहा था, मुझे आशंका है कि इस आपदा का संबंध जलवायु परिवर्तन से है. जो भी हो, बाढ़ सुरक्षा की दिशा में और अधिक निवेश करना चाहिए.'