यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान बूचा शहर में रूसी सेना द्वारा जनसंहार के आरोप लग रहे हैं. इस घटना से दुनिया भर के देशों में रूस के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई है. इधर रूस लगातार जनसंहार के आरोपों का खंडन कर रहा है. अब भारत स्थित रूसी दूतावास ने इस संबंध में बयान जारी कर बूचा हमले की निंदा की है. साथ ही इस मामले में स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की भी बात कही है. मालूम हो कि इसी घटना के लेकर अमेरिका ने रूस को UNHRC से बेदखल करने की मांग की है.
बूचा हमला के दोषियों पर हो कार्रवाई
भारत स्थित रूसी दूतावास ने कहा, 'बूचा में जघन्य हमला द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी अपराधों के दु:स्वप्न की याद दिलाता है. रूस, भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया ने इसे घृणित करार देते हुए इसकी निंदा की है. रूस इस घृणित युद्ध अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए मुख्य चुनौती स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है.'
यूक्रेन ने चलाया झूठा ऑपरेशन
रूसी दूतावास ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि रूस के खिलाफ अब तक बड़े पैमाने पर खोखले आरोप लगे हैं, जबकि इस बात के सबूत हैं कि वास्तव में एक झूठा ऑपरेशन चलाया गया, जिसे यूक्रेन ने ही अंजाम दिया. चूंकि हम न्याय चाहते हैं, ऐसे में इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है.
बूचा में 90% शवों पर गोलियों के निशान
बुका के मेयर अनातोली फेडोरुक ने बताया कि यहां मारे गए 90% लोगों के शरीर में गोलियां के जख्म मिले हैं. उन्होंने बताया कि यहां हर दिन मृतकों की संख्या बढ़ रही है. शहर में तीन सामूहिक कब्रें मिली हैं. बूचा के अलावा मारियुपोल, मकारीव और होस्तोमेल में भी रूस ने खूनी खेल खेला. बूचा में अब तक 400 से ज्यादा लोगों के शव मिल चुके हैं.
बूचा में जनसंहार की तस्वीरें गलत: रूस
रूस का कहना है कि बूचा की जो भी तस्वीरें और वीडियो दिखाए जा रहे हैं वो मैनेज्ड हैं. रूस ने जब बूचा शहर को छोड़ा था तब सब ठीक था लेकिन अचानक पश्चिम के दबाव में रूस को बदनाम करने के लिए अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं.
G7 ने रूसी हमले की निंदा की
वहीं जी 7 समूह ने बूचा जनसंहार को लेकर बयान जारी कर रूस की निंदा की है. उसने कहा कि रूस को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद से निलंबित किए जाने का अब समय गया है.