हिज्बुल्लाह ने हाशेम सफीद्दीन की मौत की पुष्टि की है. नसरल्लाह की मौत के बाद सफीद्दीन को ही हिज्बुल्लाह की कमान मिली थी. नसरल्लाह की मौत के बाद इस महीने की शुरुआत में ही इजरायल की सेना ने दावा किया था कि उसने सफीद्दीन को बेरूत में ढेर कर दिया है. लेकिन लेबनान और हिज्बुल्लाह की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी. हालांकि, अब करीब एक महीने बाद हिज्बुल्लाह ने इसकी पुष्टि कर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह ने एक बयान में कहा कि सफीद्दीन इजराइली हवाई हमले में मारा गया. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह ने अपने बयान में हवाई हमले की तारीख का जिक्र नहीं किया गया है.
4 अक्तूबर को मारा गया सफीद्दीन
इजरायली सेना ने 4 अक्तूबर को सफीद्दीन को मार गिराने का दावा किया था. द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएफ ने 4 अक्टूबर को हमले के दौरान हिज्बुल्लाह के खुफिया मुख्यालय के कमांडर हुसैन अली हाजीमा के साथ सफीदीन मार गिराया था.
कौन था हाशेम सफीद्दीन?
हाशेम सफीद्दीन को 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था. वो इस समय हिजबुल्लाह के राजनीतिक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और आतंकी संगठन की जिहाद परिषद का सदस्य भी था. सफीद्दीन की गिनती नसरल्लाह और नईम कासिम के साथ हिजबुल्लाह के टॉप थ्री नेताओं में होती थी. कहा जा रहा था कि हाशेम सफीद्दीन इजरायली हमलों से बचता फिर रहा था. यह हिज्बुल्लाह के राजनीतिक मामलों को देखता आया था. साथ ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुख था. इसके अलावा यह जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी था, जो संगठन के मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग करती है. हाशेम काली पगड़ी पहनता था.
यह भी पढ़ें: नसरल्लाह के बाद हाशेम सफीद्दीन भी ढेर, एक-एक कर मारे गए सभी कमांडर... अब बस ये एक जिंदा
खुद को पैगंबर मोहम्मद का वंशज बताता था हाशेम
हाशेम खुद को पैगम्बर मोहम्मद का वंशज बताता था. लेकिन यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने 2017 में इसे आतंकवादी घोषित कर दिया था. क्योंकि इसने इजरायल के खिलाफ बड़ी जंग तब शुरू की थी, जब इजरायल ने हिज्बुल्लाह के सीनियर कमांडर को मार दिया था. तब इसने अपने लड़ाकों से कहा था कि दुश्मनों को रोने के लिए मजबूर कर दो. इराक के नजफ और ईरान के कुम के धार्मिक केंद्रों में शिक्षा प्राप्त करने वाला सफीद्दीन 1994 में लेबनान वापस आ गया था और जल्दी ही हिजबुल्लाह के रैंक में टॉप पर चले गया. 1995 में समूह की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था मजलिस अल शूरा में शामिल हो गया.
सफीद्दीन को हमेशा से ही नसरल्लाह का संभावित उत्तराधिकारी माना जाता रहा है, इस भूमिका के बारे में अटकलें 2006 से तेज हो गई हैं, जब ईरान ने कथित तौर पर उसे संगठन के संभावित भावी नेता के रूप में पदोन्नत किया था.वह हिजबुल्लाह की सर्वोच्च सलाहकार संस्था शूरा परिषद में सेवारत छह मौलवियों में से एक है. उसे 2001 में कार्यकारी परिषद का प्रमुख चुना गया था.