ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों को टारगेट बनाकर हमले की घटनाओं के बीच अब भारतीय उच्चायुक्त समेत कई लोगों को जान से मारने की धमकी दी गई है. खालिस्तानी अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक नया वीडियो जारी किया है और इन लोगों को धमकी दी है. उसने अलगाववादियों को उकसाया भी है. खालिस्तान समर्थक ने एक पोस्टर भी शेयर किया है. इसमें सिख दंगे का जिक्र है.
जानकारी के मुताबिक, पन्नू ने जो वीडियो जारी किया है, उसमें कैनबरा में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा, ब्रिस्बेन में काउंसल जनरल (मानद महावाणिज्यदूत) अर्चना सिंह को धमकी दी है. इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया टुडे के पत्रकारों को भी एसएफजे ने धमकी दी है. पन्नू ने इन्हें हिंदुत्ववादी भीड़ कहकर संबोधित किया और अपने समर्थकों को नुकसान पहुंचाने की अपील की है.
खतरे की आशंका, ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा एजेंसियों से शिकायत
ऑस्ट्रेलिया टुडे के पत्रकार जीतार्थ जय भारद्वाज, अमित सरवाल, पल्लवी जैन को धमकी मिली है. हालांकि, मामले को भारतीय उच्चायोग ने गंभीरता से लिया है और खतरे की आशंका जताई है. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया है.
भारत में प्रतिबंधित है SFJ
बताते चलें कि सिख फॉर जस्टिस संगठन भारत में प्रतिबंधित है और कुछ वक्त पहले ही एनआईए ने इस संगठन के खिलाफ केस दर्ज किया है. संगठन और गुरपतवंत सिंह पन्नू पर UAPA के तहत केस दर्ज किया था. कई बार सिख फॉर जस्टिस का पाकिस्तान से कनेक्शन भी सामने आया है. पाकिस्तान लगातार खालिस्तान की मांग का समर्थन करता रहा है, यही कारण है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से लगातार इस प्रकार के भड़काऊ भाषण पर नज़र रहती है.
'हिंदू मंदिरों पर हमलों करने वालों का ऑस्ट्रेलिया में कोई स्थान नहीं'
एक दिन पहले ही शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा- ऑस्ट्रेलिया धार्मिक जगहों पर होने वाली किसी भी तोड़फोड़ और हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा. हिंदू मंदिरों पर हमला करने वालों के लिए ऑस्ट्रेलिया में कोई जगह नहीं है. प्रधानमंत्री अल्बनीस ने अपने भारतीय समकक्ष को आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा देश है जो लोगों के विश्वास का सम्मान करता है. हम इस तरह की तोड़फोड़ और हमलों को बर्दाश्त नहीं करते हैं जो हमने धार्मिक इमारतों पर देखे हैं. चाहे वे हिंदू मंदिर हों, मस्जिद हों, सिनेगॉग हों या चर्च हों. ऑस्ट्रेलिया में इसका कोई स्थान नहीं है.
मोदी ने हमले पर चिंता जताई थी
इससे पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार को समझौतों और प्रेस बयानों का आदान-प्रदान किया गया. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हाल के हमलों पर चिंता जताई. इस पर अल्बनीज ने आश्वासन दिया है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और भलाई उसके लिए प्राथमिकता है.
ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक बन रहे हैं मुसीबत
हाल ही में मार्च के पहले सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में लक्ष्मी नारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी. मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने बताया था कि मंदिर के पुजारी और भक्तों ने सुबह फोन किया और मुझे हमारे मंदिर की चारदीवारी पर तोड़-फोड़ के बारे में सूचित किया.
हिंदू मानवाधिकार की निदेशक सारा गेट्स ने कहा- यह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का एक नया पैटर्न है, जो खासकर ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को आतंकित करने का प्रयास कर रहा है. जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के कैरम डाउन्स में शिव विष्णु मंदिर को हिंदू विरोधी नारे लिखकर तोड़ दिया गया था.
15 जनवरी 2023 की शाम को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में एक कार रैली के जरिए हंगामा करने की कोशिश की थी. इस घटना से पहले 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के मिल पार्क में BAPS स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारे लिखे गए थे.