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हिंदू राष्ट्रवाद और खालिस्तानी उग्रवाद ब्रिटेन के लिए नया खतरा, यूके सरकार के लीक दस्तावेज में हुआ खुलासा

हिंदू राष्ट्रवाद को खतरे के रूप में शामिल करने का कारण 2022 में लेस्टर में हुए दंगों को माना गया है, जब हिंदू और दक्षिण एशियाई मूल के ब्रिटिश मुस्लिमों के बीच 28 अगस्त को भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2022 मैच के बाद झड़पें हुई थीं.

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हिंदू राष्ट्रवाद और खालिस्तानी उग्रवाद ब्रिटेन के लिए नया खतरा.
हिंदू राष्ट्रवाद और खालिस्तानी उग्रवाद ब्रिटेन के लिए नया खतरा.

ब्रिटेन में उभरते हुए 9 खतरों में हिंदू राष्ट्रवाद और खालिस्तानी उग्रवाद को शामिल किया गया है. यह जानकारी एक गृह मंत्रालय के दस्तावेज़ से लीक हुई है. यह समिति अगस्त 2024 में ब्रिटेन के गृह विभाग के सचिव यवेट कूपर द्वारा बनाई गई थी. The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार, इस समिति की जो रिपोर्ट लीक हुई है उसमें कहा गया है कि हिंदू राष्ट्रवाद को एक उग्रवादी विचारधारा के रूप में पहचाना गया है. ब्रिटिश सरकार की रिपोर्ट में खालिस्तानी उग्रवाद को भी प्रमुख उभरते खतरों में सूचीबद्ध किया गया है. हालांकि, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में पहली बार "हिंदू राष्ट्रवाद" और हिंदुत्व को चिंताजनक विचारधाराओं के रूप में पहचाना गया है.

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हिंदू राष्ट्रवाद को खतरे के रूप में शामिल करने का कारण 2022 में लेस्टर में हुए दंगों को माना गया है, जब  हिंदू और दक्षिण एशियाई मूल के ब्रिटिश मुस्लिमों के बीच 28 अगस्त को भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2022 मैच के बाद झड़पें हुई थीं.

'पॉलिसी एक्सचेंज' थिंक टैंक को लीक हुए दस्तावेज़ में ब्रिटेन की काउंटर-उग्रवाद नीति के लिए 9 उभरते हुए उग्रवादी खतरों को प्राथमिकता दी गई है. इनमें- इस्लामिस्ट, धुर दक्षिणपंथी, धुर महिला विरोधी, खालिस्तान समर्थक उग्रवाद, हिंदू राष्ट्रवाद उग्रवाद, पर्यावरणीय उग्रवाद, धुर वामपंथी, अराजक जैसे खतरों के बारे में बताया गया है.

यह भी पढ़ें: 'ब्रिटेन से सख्त कार्रवाई की उम्मीद', कंगना की इमरजेंसी फिल्म की स्क्रीनिंग में हंगामे पर बोला विदेश मंत्रालय

रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थकों द्वारा अपने उद्देश्य के लिए हिंसा फैलाने को लेकर चिंता जताई गई है. रिपोर्ट में यह भी उजागर किया गया है कि खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े लोग मुस्लिम समुदायों को बदनाम करने वाले संदेश फैलाते हैं, विशेषकर बच्चों के शोषण के आरोपों के संदर्भ में. साथ ही, रिपोर्ट में भारत की विदेश में की जा रही गतिविधियों पर भी चिंता जताई गई है, जिसमें कनाडा और अमेरिका में सिखों के खिलाफ हिंसा में इसके कथित शामिल होने के आरोपों का जिक्र है.

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यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय की विभिन्न संस्थाओं द्वारा तैयार की गई है, जिनमें प्रिवेंट, रिसर्च, इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशंस यूनिट (RICU) और होमलैंड सिक्योरिटी, एनालिसिस और इंसाइट (HSAI) शामिल हैं.

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