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इजरायली राष्ट्रपति की पहली UAE यात्रा के बीच हूतियों ने किया हमला! क्या बीच में खत्म होगा दौरा?

यूएई के दौरे पर पहली बार कोई इजरायली राष्ट्रपति आए हैं. राष्ट्रपति इजाक हर्जोग की यात्रा के दौरान ही हूती विद्रोहियों ने यूएई पर मिसाइल दागा है जिसे नाकाम कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि हमले के बावजूद राष्ट्रपति की यात्रा बीच में समाप्त नहीं होगी.

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UAE के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ इजरायली राष्ट्रपति (Photo- Reuters)
UAE के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ इजरायली राष्ट्रपति (Photo- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इजराइल के राष्ट्रपति पहली बार कर रहे हैं यूएई का दौरा
  • इस बीच हूती विद्रोहियों ने किया यूएई पर हमला
  • यूएई ने किया नाकाम

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने कहा कि उसने यमन के हूती विद्रोहियों की तरफ से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया है. हूती विद्रोहियों का ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब इजराइल के राष्ट्रपति इजाक हर्जोग की यात्रा पर हैं. ये किसी इजरायली राष्ट्रपति की पहली यूएई यात्रा है. 

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UAE के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मिसाइल को रास्ते में ही रोककर नष्ट कर दिया गया है. इससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बताया गया है कि मिसाइल का मलबा एक निर्जन क्षेत्र में गिरा. हालांकि बयान में ये स्पष्ट नहीं किया गया कि मिसाइल का निशाना यूएई की राजधानी अबू धाबी थी या दुबई को निशाना बनाकर हूतियों ने मिसाइल हमला किया था.

यूएई की समाचार एजेंसी WAM के मुताबिक, देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा कि हमले के बावजूद देश में हवाई यातायात सामान्य रूप से जारी है और सभी उड़ान समय पर संचालित किए जा रहे हैं.

संघर्ष में गई हैं हजारों जानें

यूएई सऊदी अरब के साथ मिलकर ईरान समर्थित हूतियों पर हमले करता है. लंबे समय से चले आ रहे इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान गई है और लाखों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इसे 'दुनिया के सबसे खराब मानवतावादी संकट' के रूप में वर्णित किया है.

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यमन के हूती सैन्य प्रवक्ता ने रविवार देर रात ट्विटर पर कहा कि समूह संयुक्त अरब अमीरात के अंदर एक नए सैन्य अभियान के बारे में कुछ घंटे के भीतर खुलासा करेगा. लेकिन बाद में उनकी तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई.

हूती विद्रोहियों ने 17 जनवरी को अबूधाबी पर हमला किया था जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. इस हमले में दो भारतीय और एक पाकिस्तानी नागरिक ने अपनी जान गवां दी. जनवरी में ही हूतियों की तरफ से दो और बैलेस्टिक मिसाइल दागी गईं. हालांकि मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया. 

यूएई के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सऊदी गठबंधन के युद्धक विमानों ने यमन में स्थित मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है.

पिछले हफ्ते यूएई के लोक अभियोजक ( public prosecutor) ने हूतियों के मिसाइल हमले को रोकने वाले डिफेंस फोर्सेस के वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करने वाले लोगों को तलब किया था. उन्होंने कहा था कि ये वीडियो फौजी ठिकानों को खतरे में डालते हैं और देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. 

हमले के बावजूद इजरायली राष्ट्रपति की यात्रा रहेगी जारी

सोमवार का हमला तब हुआ जब इजरायली राष्ट्रपति इजाक हर्जोग अबू धाबी में यूएई के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं.

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एक इजरायली अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि राष्ट्रपति इजाक हर्जोग ने रात अबू धाबी में बिताई. राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि हूती हमले के बावजूद राष्ट्रपति अपनी यूएई यात्रा जारी रखेंगे.

संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले सप्ताह एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की थी और चेतावनी दी थी कि यूएई में लगातार मिसाइल या ड्रोन हमलों का जोखिम है. अमेरिका ने हूतियों के हमले की निंदा की है.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक ट्वीट में कहा, 'ऐसे समय में जब इजराइल के राष्ट्रपति पूरे क्षेत्र में बातचीत और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त अरब अमीरात का दौरा कर रहे हैं, हूतियों ने नागरिकों के लिए खतरा पैदा करने वाले हमले जारी रखे हैं.'

अमेरिका की देखरेख में बहरीन और इजराइल के साथ मिलकर संयुक्त अरब अमीरात ने 2020 में रिश्ते सामान्य करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इस समझौते को अब्राहम समझौता (Abraham Accords) कहा गया.

यमन में रहा है यूएई का दबदबा

यूएई यमन सरकार का समर्थक रहा है. उसने हूतियों के विरुद्ध यमन सरकार की सहायता के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैन्य तैनाती की थी लेकिन साल 2019 के बाद से यूएई ने यमन में अपनी सैन्य उपस्थिति को काफी कम कर दिया है. यूएई अभी भी यमन सरकार को समर्थन देता है और यमन में दबदबा रखता है. 

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बातचीत ही एकमात्र हल

मिडिल ईस्ट इंस्टिट्यूट के सीनियर फेलो जेम्स फारवेल ने हालियों घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए अलजजीरा से कहा कि ये संघर्ष गतिरोध पर पहुंच गया है क्योंकि दोनों पक्षों में से कोई भी सैन्य रूप से मजबूत नहीं हो पाया है.

फारवेल ने कहा, 'स्थिति और खतरनाक होती जा रही है क्योंकि हमलों में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की प्रकृति अधिक घातक होती जा रही है. हूती सऊदी-यूएई गठबंधन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इस संघर्ष को हल करने का एकमात्र तरीका ये है कि सऊदी, यूएई और हूती एक साथ बैठें और बातचीत करें. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि कोई भी पक्ष दूसरे पर लाभ हासिल करने में सक्षम नहीं है.' 

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