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ईरान में घुसकर हमला करेगा अमेरिका? हूती हमले में अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद बढ़ी आशंका

इजरायल-हमास युद्ध के बीच ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी बलों को निशाना बनाया है जिसमें तीन सैनिकोें की मौत हुई है. इसे लेकर बाइडेन प्रशासन पर ईरान के खिलाफ कार्रवाई का घरेलू दबाव बढ़ता जा रहा है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा कोई भी कदम अमेरिका के लिए घातक साबित होगा.

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जो बाइडेन प्रशासन पर ईरान पर हमले का घरेलू दबाव बढ़ता जा रहा है (Photo- Reuters)
जो बाइडेन प्रशासन पर ईरान पर हमले का घरेलू दबाव बढ़ता जा रहा है (Photo- Reuters)

रविवार को ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने जॉर्डन में ड्रोन हमला किया जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए. इस हमले से अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन पर ईरान के खिलाफ युद्ध शुरू करने का राजनीतक दबाव बढ़ गया है. बाइडेन ईरान के खिलाफ प्रत्यक्ष रूप से कोई भी कार्रवाई करने से बचते रहे हैं क्योंकि उनका प्रशासन नहीं चाहता कि इजरायल-हमास युद्ध का एक और मोर्चा खुल जाए.

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विशेषज्ञों का कहना है कि बाइडेन प्रशासन जवाब में ईरान के बाहर ईरानी बलों को निशाना बना सकता है या फिर ईरान में ईरानी बलों पर भी हमले कर सकता है. उनका कहना है कि या फिर प्रशासन अधिक सतर्कता बरतते हुए केवल ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ हमले तेज कर सकता है.

अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों पर इराक, सीरिया, जॉर्डन और यमन के तट पर ईरान समर्थित विद्रोहियों ने 150 से अधिक बार हमला किया है. लेकिन इन हमलों में रविवार से पहले तक एक भी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई थी.

रविवार को सीरिया से लगे जॉर्डन की उत्तरपूर्वी सीमा के पास टॉवर 22 नामक एक सैन्य चौकी पर हूतियों ने हमला किया जिसमें तीन सैनिक मारे गए और कई घायल हुए. 

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इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा अमेरिका इस हमले का जवाब देगा. हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.

हमले को लेकर विपक्षियों के निशाने पर बाइडेन प्रशासन

इस हमले को लेकर बाइडेन प्रशासन को विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी घेर रही है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी बलों की हालत ऐसी बना दी है कि वो बस इंतजार कर रहे हैं कि कोई ड्रोन या मिसाइल आए और उनके डिफेंस बेस को तबाह कर दे. विपक्ष का कहना है कि और वो दिन रविवार को आया भी जब एकतरफा ड्रोन हमले में सैनिक मारे गए. उनका कहना है कि बाइडेन को जवाब में ईरान पर हमला करना चाहिए.

रिपब्लिकन अमेरिकी सीनेटर टॉम कॉटन ने कहा, 'बाइडेन प्रशासन ने हमारे सैनिकों को आसान शिकार बनाकर छोड़ दिया है. इन हमलों के जवाब में केवल और केवल ईरान की आतंकवादी ताकतों के खिलाफ ईरान और पूरे मध्य पूर्व में विनाशकारी बदले की कार्रवाई की जानी चाहिए.'

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में अमेरिकी सैन्य निगरानी समिति का नेतृत्व करने वाले रिपब्लिकन, प्रतिनिधि माइक रोजर्स ने भी कहा कि सरकार को ईरान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

रोजर्स ने कहा, 'अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति बाइडेन आतंकवादी ईरानी शासन और उनके चरमपंथी प्रतिनिधियों को उनके हमलों के लिए जवाब दें.'

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वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों को लेकर कहा कि हमले बाइडेन की कमजोरी और आत्मसमर्पण का परिणाम हैं.

बाइडेन की पार्टी के सांसदों ने क्या कहा?

सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद बारबरा ली ने इजरायल में युद्धविराम के लिए नए सिरे से आह्वान करते हुए कहा, 'जैसा कि हम देख रहे हैं, यह नियंत्रण से बाहर हो रहा है. अब यह एक क्षेत्रीय युद्ध के रूप में सामने आ रहा है और दुर्भाग्य से इससे हमारे सैनिक नुकसान में हैं.'

डेमोक्रेटिक सांसद सेठ मौलटन ने रिपब्लिकन के युद्ध के आह्वान के खिलाफ आग्रह करते हुए कहा कि युद्ध किसी भी स्थिति में बदतर फैसला होगा.

मौल्टन ने कहा, 'ईरान के साथ युद्ध का आह्वान करने वाले लोगों के लिए मैं कहना चाहूंगा कि आप दुश्मन की भाषा बोल रहे हैं. मैं चाहता हूं कि आप अपने बेटों और बेटियों को लड़ने के लिए भेजें.'

ईरान पर हमला किया तो बड़े युद्ध में फंस जाएगा अमेरिका

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ईरान के अंदर ईरानी बलों पर हमला करता है तो ईरान इसका जोरदार जवाब देगा और अमेरिका मध्य-पूर्व में युद्ध में फंस सकता है.

वाशिंगटन स्थित मध्य पूर्व संस्थान के चार्ल्स लिस्टर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि अमेरिका हमले के जवाब में इराक या सीरिया में ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर सकता है.

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उन्होंने कहा, 'रविवार सुबह जो हुआ, वह पिछले दो से तीन महीनों में ईरान के प्रॉक्सी की तरफ से की गई कार्रवाइयों से बिल्कुल उलट था. लेकिन ईरान पर हमले के लिए इतने उकसावे के बावजूद भी मुझे नहीं लगता कि यह प्रशासन ऐसा कुछ करेगी.'

एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'जब तक अमेरिका पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार नहीं होता, ईरान पर हमला करने से हमें क्या मिलेगा.'

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