आपको यह जानर हैरानी होगी कि सेक्स पावर बढ़ाने वाली गोली वियाग्रा एक 5 महीने के बच्चे के लिए संजीवनी का काम कर रही है. पैदा होने के साथ ही रियूबेन पैक्सटॉन नाम के इस बच्चे के जिंदा रहने की उम्मीद काफी कम थी, लेकिन वियाग्रा की बदौलत यह बच्चा आज जिंदा है. मामला स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो का है.
डेली मेल के मुताबिक जब यह बच्चा पैदा हुआ तब उसका पेट, आंतें और लीवर का एक हिस्सा उसकी छाती के अंदर था और इस वजह से उसके फेफड़ों का विकास नहीं हो सकता था. यही नहीं बच्चे के दिल में छेद भी है और उसके फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक से नहीं हो पाता है.
बच्चा जब महज चार महीने का था तब उसका ऑपरेशन किया गया ताकि उसके अंगों को सही जगह पर रखा जा सके. यह ऑपरेशन सात घंटे तक चला. उसके बाद बच्चे ने तीन और महीने अस्पताल में गुजारे.
आखिरकार बच्चा जिंदगी की जंग जीत गया और अब वह अपने घर अपने माता-पिता के पास लौट आया है. और इसका श्रेय किसी और को नहीं बल्कि सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा वियाग्रा को जाता है.
बच्चे की मां के मुताबिक, 'रियूबेन को पल्मोनरी हाइपरटेंशन है. वियाग्रा से फेफड़ों की ओर जा रहे ब्लड वेसेल्स को चौड़ा होने में मदद मिलती है और इससे रक्त का प्रवाह सही से होता है.'
उन्होंने कहा, 'वह एक दिन में वियाग्रा की चार गोलियां खाता है. अगर वह दवा नहीं खाएगा तो उसके फेफड़े सही से काम हीं करेंगे और उसके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं मिल पाएगी.'
जब वह 20 हफ्तों की गर्भवती थीं तब उन्हें डॉक्टर ने बता दिया था कि उनके बच्चे को जन्मजात हर्निया है. वह बच्चा नहीं गिराना चाहती थीं क्योंकि एक साल पहले ही वह अपना एक बच्चा खो चुकी थीं.
प्रेग्नेंसी के दौरान वे लगातार डॉक्टरों के संपर्क में थीं. इस तरह के मामले में ज्यादातर बच्चे पैदा होने से पहले ही मर जाते हैं. वे कहती हैं, 'मुझसे हर वक्त कहा जाता था कि बच्चे के बचने की कोई उम्मीद नहीं है. लेकिन पैदा होने के बाद वेंटिलेर पर रखने से पहले रियूबेन थोड़ी देर तक अपने आप सांस लेता रहा. इससे हमें बहुत राहत पहुंची.'
पांच महीने के रियूबेन ने तीन हफ्ते वेंटिलेटर और पांच हफ्ते सांस लेने की दूसरी कृत्रिम मशीनों में बिताए हैं. इस दौरान उसे कई बार इंफेक्शन भी हुआ. इस तरह पैदा होने के 12 हफ्ते बाद अब जाकर वह अपने घर जा पाया.
जब रियूबेन घर आया था तब उसे आठ अलग-अलग दवाइयां दी जातीं थीं, लेकिन अब उसे दिन में वियाग्रा की चार गोलियां, एक आयरन सप्लीमेंट और दो अन्य दवाइयां दी जाती हैं. साथ ही डॉक्टर बीच-बीच में उसका चेकअप भी करते रहते हैं.