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ब्रिटिश शाही फैमिली में विरासत का नियम, जिससे एलिजाबेथ-II के उत्तराधिकारी बने चार्ल्स-III

ब्रिटेन में 70 सालों तक शाही गद्दी संभालने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद स्वतः ही उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के राजा बन गए. दरअसल ब्रिटेन में सदियों पुराने नियमों के तहत महाराज या महारानी के निधन के बाद उनका सबसे बड़ा बेटा या बेटी बिना किसी कानूनी या राजशाही कार्रवाई के गद्दी की बागडोर संभाल लेता है. 

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ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ नए किंग चार्ल्स तृतीय
ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ नए किंग चार्ल्स तृतीय

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स को अब शाही गद्दी संभालने की जिम्मेदारी मिल गई है. महारानी के निधन के तुरंत बाद ही प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय कहलाए जाने लगे हैं. 70 सालों तक ब्रिटेन की शाही गद्दी संभालने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद स्वतः ही प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के राजा बन गए. ऐसा ब्रिटेन के शाही परिवार के विरासत के नियमों के तहत हुआ है. उनके गद्दी संभालने के बाद आम लोगों में ब्रिटेन की राजशाही के नियमों और परंपराओं को लेकर चर्चा होनी शुरू हो गई है. अब किंग चार्ल्स तृतीय यूके सहित 15 अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष होंगे. इनमें कनाडा, ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और पापुआ न्यू गिनी जैसे देश शामिल हैं.

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दरअसल ब्रिटेन में कई सदियों पुराने नियम के तहत महाराज या महारानी के निधन के बाद उनका सबसे बड़ा बेटा या बेटी बिना किसी कानूनी या राजशाही कार्रवाई के गद्दी की बागडोर संभाल लेता है. इसमें उत्तराधिकारी का जेंडर (वह महिला है या पुरुष) मायने नहीं रखता. गद्दी पर आसीन शासक की पहली संतान ही उसके निधन के बाद राजपाट संभालता या संभालती है.

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की कॉन्स्टीट्यूशन यूनिट के मुताबिक, इस प्रक्रिया में सरकार का किसी तरह का दखल नहीं होता.

ब्रिटेन के किंग/क्वीन के निधन के बाद क्या होता है?

आमतौर पर ब्रिटेन की गद्दी पर बैठे किंग या क्वीन के निधन के 24 घंटों के भीतर लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में एक्सेशन काउंसिल ( Accession Council) की बैठक बुलाई जाती है. इस काउंसिल में राष्ट्रीय स्तर के कई वरिष्ठ अधिकारी होते हैं. इस बैठक में सरकार के कामकाज और शाही मामलों पर चर्चा होती है.

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ब्रिटेन में ताजपोशी

ब्रिटेन में शाही गद्दी संभालने के लिए तकनीकी रूप से ताजपोशी जैसे कार्यक्रमों की भी जरूरत नहीं होती. उदाहरण के लिए ब्रिटेन के किंग एडवर्ड अष्ठम ने बिना किसी औपचारिक ताजपोशी के गद्दी संभाल ली थी.

हालांकि, ताजपोशी जैसे कार्यक्रम ऐतिहासिक भी होते हैं. इन कार्यक्रमों का पूरा खर्च ब्रिटिश सरकार उठाती है. इसमें किसी तरह की जल्दबाजी नहीं होती. क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की आधिकारिक ताजपोशी  जून 1953 में हुई थी जबकि वह फरवरी 1952 में ही गद्दी संभाल चुकी थीं.

क्या किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी रानी बनेगी?

किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी कैमिला को अब क्वीन कंसोर्ट (Queen Consort) के नाम से जाना जाएगा. उन्हें क्वीन कैमिला कहकर भी संबोधित किया जा सकता है. दरअसल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने इस साल की शुरुआत में खुद यह इच्छा जताई थी कि कैमिला को उनके गुजरने के बाद क्वीन कंसोर्ट कहकर संबोधित किया जाए.

बता दें कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार देर रात बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था. एलिजाबेथ का जन्म 1926 में हुआ था और उन्होंने 1952 में पिता किंग जॉर्ज षष्ठम के निधन के बाद मात्र 25 साल की उम्र में गद्दी संभाल ली थी. साल 1947 में उन्होंने ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग फिलिप से शादी की. उनके चार बच्चे चार्ल्स, प्रिंसेज एन, प्रिंस एंड्रयू और प्रिंस एडवर्ड हैं.

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