एग्जिट पोल के नतीजे एनडीए को बहुमत के संकेत दे रहे हैं. अगर केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनती है तो नरेंद्र मोदी अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर मोदी पीएम बनते हैं तो दुनिया के साथ भारत के रिश्ते कैसे होंगे.
अमेरिका आम चुनाव के आखिरी नतीजे आने से पहले ही भारत की नई सरकार के साथ काम करने की उत्सुकता जाहिर करने लगा है. हालांकि, मोदी को वीजा दिया जाए या नहीं, इस पर कोई बात नहीं हो रही है. वॉशिंगटन स्थित नीति-निर्माताओं के बीच इस बात को लेकर कयास लग रहे हैं कि अगर मोदी भारत के अगले पीएम बनते हैं तो पाकिस्तान और चीन के अलावा अमेरिका के साथ इसके रिश्ते कैसे होंगे.
गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के आधार पर 2005 में मोदी का अमेरिका दौरे के लिए दिया गया वीजा आवेदन रद्द कर दिया था. हालांकि, पिछले दिनों मोदी के उन बयानों से अमेरिका को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी. अपने इंटरव्यू के दौरान मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वीजा मसले का अमेरिका के प्रति भारत की नीति को लेकर उनके फैसले पर कोई असर नहीं होगा.
पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, 'वाजपेयी जी ने ही अमेरिका के साथ भागीदारी के नए युग की शुरुआत की थी. हम इसे और मजबूत करेंगे और आगे ले जाएंगे.'
वीजा की घटना नहीं भूलेंगे मोदी
मोदी के व्यक्तित्व पर गौर किया जाए तो साफ है कि यह मायने नहीं रखता कि मोदी क्या है, वो अमेरिका द्वारा वीजा दिए जाने से मना करने की घटना नहीं भूल सकते हैं. ऐसे में संभावना है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते एक बार फिर उसी स्तर तक पहुंच जाएंगे, जैसा दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते के वक्त हुआ था.
इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के रिश्तों में जो कड़वाहट पैदा हुई है, उसे खत्म करने के लिए वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच काफी काम किए जाने की जरूरत है. मोदी को वीजा नहीं दिए जाने के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार लोगों की चिंता इस बात को लेकर है कि अगर मोदी पीएम बनते हैं तो देश में धार्मिक आजादी पर नकारात्मक असर पड़ेगा. इनके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि मोदी की सरकार बनने पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत के रिश्ते खराब हो जाएंगे.
भारत के करीब होंगे चीन-जापान
अमेरिका में इस बात को लेकर काफी दिलचस्पी है कि मोदी पीएम बनते हैं तो चीन के साथ भारत के रिश्ते कैसे होंगे. गुजरात के सीएम रहते मोदी चीन और जापान का दौरा कर चुके हैं. ऐसे में अधिकतर अमेरिकियों का मानना है कि आने वाले दिनों भारत का इन दोनों देशों के प्रति झुकाव बढ़ सकता है.
अमेरिका के साथ नए रिश्ते
पिछले हफ्ते ही चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' में एक लेख छपा था. इसमें कहा गया था कि अगर मोदी पीएम बनते हैं तो पश्चिमी देशों में खलबली मच जाएगी जबकि भारत और चीन एक दूसरे के नजदीक आएंगे. लेख में मानवाधिकारों और धार्मिक आजादी के बारे में हालांकि ज्यादा बात नहीं की गई है लेकिन उम्मीद जताई है कि मोदी पीएम बनने पर भारत के पश्चिम के साथ रिश्तों की परिभाषा अपने हिसाब से गढ़ सकते हैं.