प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका के ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' नाम के मेगा शो को वैश्विक स्तर पर देखा और सराहा गया. लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इस शो को किस तरह से देखा गया, वह भी तब जब उसके प्रधानमंत्री इमरान खान का अमेरिका पहुंचने पर फीके अंदाज में स्वागत किया गया. पाक की लगभग सभी न्यूज वेबसाइट ने मोदी के भाषण को अपनी लीड बनाई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को 'हाउडी मोदी' समारोह में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा पहुंचाने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया है. हमारे फैसलों से उन लोगों को दिक्कत हो रही है, जिनसे अपना देश संभल नहीं रहा. अमेरिका में 9/11 हो या मुंबई में 26/11 हो, उसके साजिशकर्ता कहां पाए जाते हैं? उन्हें पूरी दुनिया जानती है. इसलिए अब समय आ गया है कि आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए.
स्टेडियम के बाहर प्रदर्शन
दूसरी ओर, 'हाउडी मोदी' को पाकिस्तान में सकारात्मक अंदाज में कवर नहीं किया गया. पाक के अंग्रेजी अखबार द डॉन ने लिखा है कि ह्यूस्टन में डोनाल्ड ट्रंप के साथ मंच पर प्रधानमंत्री मोदी मौजूद थे. जबकि स्टेडियम के बाहर कश्मीर के निवासी प्रदर्शनकारियों के साथ पिछले 49 दिनों से दबाई गई आवाज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
डॉन ने पाकिस्तान की सत्तारुढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के ट्वीट को भी पोस्ट किया जिसमें लिखा है एनआरजी स्टेडियम के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग मोदी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. हर जाति, रंग, लिंग और उम्र के लोग मोदी के जातिवादी शासन के कृत्यों की निंदा करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. कश्मीर में वर्चस्ववादी सरकार के क्रूर हस्तक्षेप के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग विरोध में उतरे.
प्रदर्शनकारियों के लिए 50 बसें
वहीं पाक ट्रिब्यून कहता है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के खिलाफ ह्यूस्टन में मोदी की रैली स्थल के बाहर टैक्सास की सड़कों पर पाकिस्तानी, सिख और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया.
पाक ट्रिब्यून के अनुसार, टेक्सास के अलग-अलग शहरों (ह्यूस्टन, ) से आए मुस्लिम और सिख समुदाय के लोगों ने एनआरजी स्टेडियम में मोदी की रैली को डिस्टर्ब करने की योजना बनाई थी. कश्मीर में भारत के फैसले के खिलाफ सिख समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान के लोगों के साथ हाथ मिलाया था.
पाक ट्रिब्यून ने ह्यूस्टन-कराची सिस्टर सिटी एसोसिएशन के अध्यक्ष सईद शेख के हवाले से कहा कि इंटरनेशनल ह्यूमनटेरियन फाउंडेशन ने भी प्रधानमंत्री इमरान खान के कॉल पर लोगों को एकत्र करने का काम किया. यह शहर 50,000 से अधिक पाकिस्तानी प्रवासियों का घर है और प्रदर्शन करने के लिए करीब 50 बसों का इस्तेमाल किया और 40,000 लोगों को वहां पहुंचाया. हम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं.
कश्मीर मसले पर विरोध
द न्यूज, पाकिस्तान टुडे, जियो टीवी ने भी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की खबर को प्रमुखता से जगह दी है, लेकिन इन लोगों ने भी कश्मीर मसले का जिक्र किया कि स्टेडियम में मोदी भाषण दे रहे थे और बाहर लोग प्रदर्शन कर रहे थे. पाकिस्तान टुडे ने भी इस रैली का जिक्र किया है, लेकिन उसे साधारण खबर के रूप में ही पेश किया है, साथ ही रैली के बाहर कश्मीरी मसले पर लोगों के विरोध-प्रदर्शन का जिक्र किया है.
पाकिस्तान टुडे ने अलजजीरा के हवाले से लिखा है कि स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे, वहां का माहौल बेहद तनावभरा था. उसके फोटोग्राफरों को फोटो खींचने नहीं दिया गया, उनके कैमरे छीन लिए गए. प्रदर्शन की खबर मीडिया में नहीं दिखाई गई.
पाकिस्तानी ऑब्जर्वर भी भाषण से ज्यादा कश्मीरियों के हितों के लिए किए गए प्रदर्शन को ही वरीयता दी है. भारत सरकार के कश्मीर के खिलाफ लिए गए फैसले के खिलाफ लोग स्टेडियम के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. दूसरी ओर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की आज सोमवार को संभवत: राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात हो सकती है.