पश्चिमी लंदन में 24 मंजिला आवासीय इमारत में लगी भीषण आग में मरने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई, जबकि 74 लोग झुलस गए. ब्रिटेन में पिछले करीब तीन दशक में यह सबसे भीषण अग्निकांड है. पश्चिमी लंदन के नोट्टिंग हिल के नजदीक लातिमेर रोड पर स्थित ग्रेनफेल टावर में स्थानीय समयानुसार बुधवार रात एक बज कर 16 मिनट पर आग लगी. जब इमारत आग की लपटों से घिर ग ई, तब करीब 600 लोग टावर के 120 फ्लैटों में मौजूद थे. ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
मेटोपोलिटन पुलिस ने बताया कि इस घटना में अब तक 12 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. इससे पहले उसने मरने वालों की संख्या छह बताई थी. मेटोपोलिटन पुलिस के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली. दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और 20 एंबुलेंस पहुंचे थे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि आग में झुलसे 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदशर्यिों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व घटना है. 29 साल के कॅरियर में मैंने कभी भी इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी. बताया जा रहा है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई. हालांकि महानगर पुलिस ने कहा कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने के लिए उसे कुछ वक्त चाहिए.