रमजान के पाक महीने के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शीशा (हुक्का) पीने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. एक विशेषज्ञ ने रविवार को कहा कि वे लोग जो धूम्रपान नहीं करते, वे भी अब इसे अपनाते जा रहे हैं.
खलीज टाइम्स ने यूएई स्थित भारतीय डॉक्टर सुनील शेषाद्री के हवाले से बताया, 'हम ज्यादातर समय रेस्तरां में एसी वाले माहौल में बिता रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप तंबाकू की खपत में शीशा पीने के कारण यह वृद्धि हुई है.' उन्होंने कहा, 'धूम्रपान न करने वालों ने भी स्वीकार किया है कि वे देर रात तक अपने परिवार और मित्रों के साथ इकट्ठे होकर बैठने की परंपरा के हिस्से के रूप में खाने के बाद शीशा पीते हैं.'
अबू धाबी के लाइफलाइन हॉस्पिटल में हृदयरोग विज्ञान विभाग के प्रमुख जोसेफ कुरियन ने शीशी पीने से होने वाली बीमारियों के बारे में चेताते हुए कहा, 'एक बार शीशा पीना एक पैकेट सिगरेट पीने के बराबर होता है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.' कुरियन ने कहा, 'इसका स्वास्थ्य पर व्यापक असर पड़ता है. यह हृदयसंबंधी समस्याओं को बढ़ा देता है और रक्तचाप बिगड़ जाता है.' एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई में हर सप्ताह तंबाकू का प्रयोग करने वाले औसतन 26 लोगों की मौत होती है. इसके अलावा हर सप्ताह एक महिला की तंबाकू सेवन के कारण मौत हो जाती है.