चार दिन की भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शनिवार को दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस में छात्रों से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि दोनों देशों के छात्र एक-दूसरे के देश में पढ़ने-लिखने के लिए आएं और जाएं.
मैक्रों ने कहा, मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय शोधकर्ता फ्रांस आएं. आज मैं यहां आकर बहुत खुश हूं. हम डिजिटल क्रांति और पर्यावरण परिवर्तन के मध्य में हैं. हमें अपनी रफ्तार और बढ़ाने की जरूरत है. हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उद्यमियों को सुविधा मुहैया कराए जाने की दरकार है. जोखिम लेने वालों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. आर्टिफिशियल इटिलिजेंस पाशा पलटने वाली चीज है, लेकिन इसके लिए जमीन से शुरुआत करनी होगी.
I want to double the number of Indian students coming to France and also want to increase the number of French students going to India: French President #EmmanuelMacron pic.twitter.com/d1vaX4xePG
— ANI (@ANI) March 10, 2018
राष्ट्रपति ने कहा, मैं चाहता हूं कि दोगुनी संख्या में छात्र फ्रांस आएं और फ्रांसीसी छात्र भी पढ़ने के लिए दोगुनी संख्या में भारत जाएं. उन्होंने कहा, हमारे समक्ष पर्यावरण परिवर्तन, आतंकवाद को लेकर जितनी भी समस्याएं मौजूद हैं वे ज्यादातर नेताओं में दूरदर्शिता की कमी और लालच की वजह से है.
इससे पहले मैक्रों ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में 14 अहम समझौते किए. ये समझौते रेलवे, शहरी विकास, रक्षा, अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में किए गए.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम सिर्फ दो सशक्त स्वतंत्र देशों और दो विविधतापूर्ण लोकतंत्रों के ही नेता नहीं हैं, हम दो समृद्ध और समर्थ विरासतों के उत्तराधिकारी हैं.'
उन्होंने कहा, 'हमारी (भारत-फ्रांस) रणनीतिक भागीदारी भले ही 20 साल पुरानी हो, हमारे देशों और हमारी सभ्यताओं की आध्यात्मिक साझेदारी सदियों लंबी है.'
साझा प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि जमीन से आसमान तक कोई ऐसा विषय नहीं है जिसमें भारत और फ्रांस साथ मिलकर काम ना कर रहे हों.
पीएम मोदी ने कहा कि 'रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और उच्च तकनीक में भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय सहयोग का इतिहास बहुत लंबा है. सरकार किसी की भी हो, हमारे संबंधों का ग्राफ सिर्फ और सिर्फ ऊंचा ही जाता है.'