पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर ने धमकी दी है कि अगर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उसके संगठन को आतंकवादी गतिविधियों से रोका तो उसका बदला लिया जाएगा.
26 जनवरी को पेशावर की जिहादी मैगजीन अल-कलाम में अजहर ने कहा, 'मैंने एक आर्मी तैयार की है जो मौत से प्यार करती है. इस आर्मी को उखाड़ना हमारे दुश्मनों के बस में नहीं है. ये आर्मी हमारे दुश्मनों को जश्न नहीं मनाने देगी.'
पाकिस्तान की कार्रवाई पर निशाना
पठानकोट हमले को लेकर कार्रवाई कर रही पाकिस्तान सरकार पर मसूद ने पहली बार हमला किया. उसने अपने लेख में कहा, 'मस्जिदों, मदरसों
और जिहाद के खिलाफ उनका कार्रवाई देश की अखंडता के लिए ही खतरा है.'
पाकिस्तान की नाकामी
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले महीने पठानकोट हमले को लेकर कहा था कि उनके पास एक्शन लेने योग्य इंटेलिजेंस है और वो
जल्द ही इस मामले में कार्रवाई करेंगे. लेकिन सोमवार को आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान उन 5 मोबाइल नंबर के मालिकों को भी
पकड़ने में नाकामयाब रहा है, जिन्हें पठानकोट हमले की योजना के दौरान इस्तेमाल किया गया था.
अपने लिए खड़ी की मुसीबत
मसूद अजहर ने अपने लेख में कहा, 'हमारे देश के शासक दुखी हैं कि हमने उनके दोस्तों को परेशान किया है. मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी
के साथ उनकी दोस्ती में खलल डाल दिया है.' उसने आगे लिखा कि भारत के आदेश पर कार्रवाई करके पाकिस्तान अपने लिए मुसीबत खड़ी कर
रहा है. मसूद ने लिखा, 'दूसरों के आदेश पर कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने अपने ही देश को आग में धकेल दिया है.' उसने कहा कि कोई
आता है, आग फैलाता और विदेश भाग जाता है.
कई आतंकी हमलों का आरोपी है मसूद
भारत के कहने पर पाकिस्तान ने पिछले दिनों जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर छापे मारकर उन्हें सील कर दिया था और मसूद अजहर समेत कई
लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक मसूद को 'प्रोटेक्टिव कस्टडी' में रखा गया था.
अजहर पर 1999 में
काठमांडू से कंधार जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक करने और 2001 में भारतीय संसद पर हमले समेत कई आतंकवादी
हमलों के आरोप हैं.
2002 की गिरफ्तारी पर लिखा
मसूद ने 2002 में पाकिस्तान में हुई अपनी गिरफ्तारी को लेकर भी पहली बार टिप्पणी की. उसने कहा कि उस वक्त परवेज मुशर्रफ ने उसकी
गिरफ्तारी का आदेश दिया था ताकि भारत के साथ संबंधों में सुधार किया जा सके. जैश-ए चीफ ने कहा कि उसको तभी गिरफ्तार किया जा
सकता है, जब भगवान की मर्जी होगी.
अपने लेख में मसूद ने लिखा, 'कई बार मुझपर हमला किया गया और गिरफ्तारी के लिए मेरा पीछा किया गया. जब आखिरकार मेरी गिरफ्तारी हुई तो मुझे अपने घर से भी निकलने नहीं दिया गया. मुझे आठ महीनों तक अपने ही घर में बंद रखा गया. उस वक्त मैं अपने बुजुर्ग माता-पिता को हफ्ते में सिर्फ दो बार देख सकता था. ये उस वक्त हुआ जब पूरे पाकिस्तान के किसी भी पुलिस स्टेशन में मेरे खिलाफ एक भी केस दर्ज नहीं था और मैं इस बारे में कभी सोच भी नहीं सकता था, अकेले इसकी योजना नहीं बना सकता था और देश को नुकसान नहीं पहुंचा सकता था.'
मसूद ने आगे लिखा, 'जब मैंने अपनी गिरफ्तारी की वजह पूछी तो मुझे सिर्फ एक जवाब मिलाः 'हम क्या कर सकते हैं, हमारे ऊपर आपको गिरफ्तार करने के लिए दुनियाभर से दबाव है.''
उसने अपने समर्थको से कहा कि वो उसकी गिरफ्तारी से न डरें. अपने लेख में उसने लिखा, 'परवेज मुशर्रफ को मुझे जेल में रखना अच्छा लगता था लेकिन वो खुद भी गिरफ्तार हुए और उन्हें सजा हुई. वो पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे. ये इस्लाम के लिए आपकी सेवा का ही नतीजा है और हर मुस्लिम को इसके लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि भगवान के दूतों को जेल का सामना करना पड़ता है.'