मालदीव को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चीन को लेकर बड़ूी चेतावनी दी है. भारत से दूर हो रहा मालदीव चीन की तरफ झुकता जा रहा है और विकास कार्यों के नाम पर चीन उसे भारी कर्ज का लालच दे रहा है. इसे लेकर आईएमएफ ने बुधवार को कहा कि चीन से भारी कर्ज ले रहा मालदीव 'कर्ज संकट' के 'हाई रिस्क' पर है.
नवंबर में चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद चीन ने मालदीव को और अधिक कर्ज देने का वादा किया है. मुइज्जू पिछले महीने चीन के पांच दिवसीय दौरे पर गए थे. वहां से आने के बाद उन्होंने आर्थिक मदद के लिए चीन को धन्यवाद भी दिया था.
आईएमएफ ने मालदीव के विदेशी कर्ज का ब्योरा नहीं किया लेकिन कहा कि मालदीव को तत्काल अपनी नीति में बदलाव की जरूरत है. संगठन ने देश की अर्थव्यवस्था की समीक्षा के बाद कहा, 'अगर नीतियों में बड़े बदलाव नहीं किए जाते हैं तो कुल राजकोषीय घाटा और सरकारी कर्ज ऊंचा रहने का अनुमान है.'
हिंद महासागर में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मालदीव अपने सफेद बालू वाले समुद्री किनारों के लिए प्रसिद्ध है और इसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर बहुत हद तक निर्भर है. देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का हिस्सा लगभग एक तिहाई है. इसी वजह से कोविड में इसकी अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो गई थी क्योंकि देशों ने महामारी को देखते हुए अपनी सीमाएं बंद कर दी थी.
हालांकि, अब इसके पर्यटन में सुधार हुआ है और अर्थव्यवस्था संभली है. लेकिन मुइज्जू सरकार की चीन समर्थक नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था के भारी कर्ज में फंसने की संभावना बढ़ गई है.
आईएमएफ ने मालदीव को चेताया
मालदीव अब चीन की मदद से हवाई अड्डों का विस्तार करने वाला है और होटलों की संख्या बढ़ाने की भी मुइज्जू सरकार की योजना है लेकिन भारी मात्रा में चीनी कर्ज को लेकर आईएमएफ मालदीव को आगाह कर रहा है. आईएमएफ ने कहा, 'आगे क्या होगा इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और इसमें काफी जोखिम है.'
राष्ट्रपति मुइज्जू के गुरु माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति, अब्दुल्ला यामीन, जिन्होंने साल 2018 तक मालदीव की सत्ता संभाली, उन्होंने निर्माण प्रोजेक्ट्स के लिए चीन से भारी मात्रा में कर्ज लिया था. विश्व बैंक के मुताबिक, साल 2021 में मालदीव पर चीन का कर्ज 3 अरब डॉलर से अधिक हो गया था जो उसके कुल विदेशी कर्ज का 42% था.
भारत से दूरी बनाता मालदीव
राष्ट्रपति मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव अपने पारंपरिक पड़ोसी भारत से दूर होकर चीन के करीब जा रहा है. मुइज्जू द्वीप देश से भारतीय सैनिकों की वापसी के वादे पर सत्ता में आए थे. उन्होंने सैनिकों की वापसी को लेकर भारत को 10 मई 2024 तक का अल्टीमेटम दिया है. इसी के साथ ही उन्होंने कहा है कि वो मालदीव की सैन्य क्षमता को मजबूत करेंगे.