पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने मंगलवार को सरकार के खिलाफ लाहौर से इस्लामाबाद तक मार्च की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे यह मार्च लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू होगा. द डॉन के मुताबिक इमरान खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार ने धोखे से और गलत तरीके से सत्ता हासिल की है. उन्होंने कहा कि हकीकी आजादी के लिए हम यह मार्च निकालेंगे, जिसकी कोई समय सीमा नहीं होगी. हम जीटी रोड से इस्लामाबाद पहुंचेंगे और वहां पर पूरे पाकिस्तान से लोग एकजुट होंगे.
पाकिस्तान के भविष्य के लिए युद्ध है मेरा मार्च
द डॉन के मुताबिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान खान ने दावा किया, "मैं भविष्यवाणी कर रहा हूं कि देश के इतिहास में वहां लोगों की सबसे बड़ी भीड़ एकजुट होगी." उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मार्च राजनीति नहीं बल्कि पाकिस्तान के भविष्य के लिए युद्ध है.
उन्होंने कहा कि यह मार्च उन चोरों से आजादी की लड़ाई है, जो हम पर थोपी गई है. हमारा यह मार्च तय करेगा कि देश किधर जाएगा. उन्होंने मार्च के पीछे अपने मकसद के बारे में बताया कि वह केवल एक चीज चाहते हैं कि जनता तय करे कि देश का नेतृत्व कौन करेगा.
पीटीआई प्रमुख ने बताया कि उन्होंने पहले मार्च की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि हमने 25 मई को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया लेकिन उन्होंने हम पर हिंसा की गई और अगर मैंने इसे बंद नहीं किया होता तो अगले दिन वास्तव में देश में खून खराबा हो जाता. उन्होंने कहा कि अपने देश को बचाने और अराजकता को रोकने के लिए मैंने मार्च को बंद कर दिया था.
इस्लामाबाद HC ने इमरान खान को दी राहत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान की हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. चुनाव आयोग ने तोशाखाना विवाद के बाद 5 साल तक इमरान के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. अदालत ने चुनाव आयोग के इस फैसले को पलट दिया है. कोर्ट ने कहा कि इमरान को भविष्य में चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि इमरान खान चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं. सभी के लिए एक मानक होना चाहिए. इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है.
इमरान खान पर तोशाखाने के गिफ्ट बेचने के आरोप लगे थे, जिसके बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने पिछले दिनों इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था. ECP के इस फैसले के बाद इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था.